ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का निलंबन, BJP सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप

Last Updated 26 Mar 2025 12:12:48 PM IST

ओडिशा में सात दिन के लिए निलंबन के बाद धरना दे रहे कांग्रेस के 12 विधायकों को रात में विधानसभा पर‍िसर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस भवन के पास मास्टर कैंटीन के पास अपना विरोध जारी रखा।


कांग्रेस विधायक सागर दास और एआईसीसी प्रभारी अजय कुमार 'लल्लू' ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि यह घटना भारतीय लोकतंत्र की हत्या जैसी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने संविधान का मजाक उड़ाया और लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट किया। उनका कहना था कि ओडिशा में महिलाएं असुरक्षित हैं, और भाजपा सरकार इस गंभीर मुद्दे पर जवाब नहीं दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विधायक सिर्फ यह सवाल कर रहे थे कि ओड‍िशा की महिलाएं सुरक्षित कैसे रहेंगी, जबकि राज्य में 64,000 से ज्यादा महिलाएं गायब हैं और कई महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं हो चुकी हैं।

निलंबित विधायक सागर दास ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने खुलेआम लोकतंत्र की हत्या की और विधायकों का सम्मान नहीं किया। उन्होंने बताया कि विधायक अपने प्रदर्शन के दौरान पूरी तरह शांतिपूर्ण थे, लेकिन जब पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती बाहर निकाला, तब कई विधायकों के साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस ने विधायकों को बुरी तरह से घसीटते हुए विधानसभा से बाहर निकाला और उनके व्यक्तिगत सामान जैसे मोबाइल फोन और जूते चोरी हो गए।

कांग्रेस विधायकों ने दावा किया कि भाजपा सरकार महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के मामले में पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि कांग्रेस पार्टी अगले दिन विधानसभा का घेराव करेगी और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करेगी। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी महिला सुरक्षा, न्याय और लोकतंत्र के मुद्दों पर कड़ा संघर्ष जारी रखेगी।

बता दें कि ये विधायक महिला अत्याचारों से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए सदन में समिति गठित करने की मांग कर रहे थे। विधायकों को सात दिनों के लिए निलंबित किया गया था, जिन्हें अभद्र व्यवहार और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का दोषी ठहराया गया था। विधायक सदन में घंटी बजा रहे थे और विरोध कर रहे थे।
 

आईएएनएस
भुवनेश्वर


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