जेट एयरवेज बंद: सड़क पर आ गए हजारों कर्मचारी, बच्चों की फीस, घर के किराए की चिंता
गहन आर्थिक संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज का परिचालन निलंबित होने के बाद उसके करीब 22 हजार कर्मचारी सड़क पर आ गये हैं।
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इनमें विमान में माल लादने वाले ऐसे कर्मचारी भी हैं जिन्होंने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रख दिये हैं, ऐसे इंजीनियर शामिल हैं जिन्होंने अपनी गाड़ियां बेच दीं और ऐसे भी कर्मचारी शामिल हैं जो अपना नियमित मासिक भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।
कंपनी में पिछले 24 साल से काम कर रहे चंद्रशेखर मंडल ने कहा, ‘‘मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मेरे पास काम नहीं बचा है। उम्मीद करता हूं कि कंपनी फिर से परिचालन शुरू करेगी।’’
उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि कंपनी का परिचालन जल्द शुरू किया जाना चाहिये।
कर्मचारियों को बच्चों की स्कूल, कॉलेज फीस चुकाने की चिंता है। उन्हें नहीं पता कि घर का किराया कहां से चुकायेंगे। उन्हें अपनी सभी समस्याओं का उत्तर केवल इसी में दिखाई देता है कि रिणदाता बैंक कंपनी को उसकी त्वरित जरूरत के लिये धन उपलब्ध करायें ताकि जेट एयरलाइन फिर से परिचालन शुरू कर सके।
कंपनी में 24 साल से ड्राइवर का काम कर रहे सुनील कुमार ने कहा कि रोजाना के खर्चों का प्रबंध करना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनके कई सहकर्मियों ने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिये पत्नी के गहने गिरवी रख दिये हैं।
एक वरिष्ठ पायलट ने इस मौके पर कहा कि कंपनी के इस हालात के लिये प्रबंधन और सरकार के बीच वित्त पोषण को लेकर संवाद में पारदर्शिता का अभाव रहा है।
जेट के सैकड़ों कर्मचारियों ने गुरुवार को यहां मौन प्रदर्शन किया और एयरलाइन का परिचालन जल्द शुरू करने की मांग की।
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