पोषण : लाभार्थी तक पहुंच अब आसान

Last Updated 21 Apr 2025 01:34:13 PM IST

भारत में 7वां पोषण पखवाड़ा अप्रैल में मनाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य पोषण ट्रैकर के नए शुरू किए गए लाभार्थी मॉड्यूल के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।


यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि सामुदायिक सशक्तिकरण के एक नये चरण की शुरु आत करता है, जिससे नागरिकों के हाथों में सीधे कार्ययोग्य पोषण डेटा उपलब्ध होता है। 

राष्ट्रीय पोषण नीति ढांचे उर्फ पोषण 2.0 दिशा-निर्देशों के दायरे में शुरू की गई यह नई सुविधा लंबे समय से चली आ रही चुनौती का समाधान करती है: आंगनवाड़ी कायरे में समुदाय का कमजोर स्वामित्व, जिसने अक्सर देश भर में पोषण हस्तक्षेपों की प्रभावशीलता को सीमित कर दिया है। पोषण ट्रैकर मोबाइल-आधारित एप्लिकेशन है जिसका उपयोग पहले से ही हर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पोषण और बच्चों की देखभाल सेवाओं के वितरण पर वास्तविक समय डेटा प्रदान करने के लिए किया जाता है, अब इसकी पहुंच उन लोगों तक हो गई है, जिन्हें यह सेवा प्रदान करना चाहता है।

यह विशेष मॉड्यूल आपको अपने स्थान के सबसे नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र का पता लगाने में सक्षम बनाता है और गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, 6 वर्ष तक के बच्चों और किशोरियों के लिए स्व-पंजीकरण की सुविधा प्रदान करता है। महिला लाभार्थी गर्भावस्था के तिमाही, एनीमिया की स्थिति, गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने को रिकॉर्ड करने और टेक-होम राशन (टीएचआर) और गर्म पके हुए भोजन (एचसीएम) की प्राप्ति पर नजर रखने सहित अपने सेवा इतिहास की निगरानी करने के लिए इस मॉड्यूल का उपयोग कर सकती हैं। 

माता-पिता और देखभाल करने वाले भी अपने बच्चे की लंबाई और वजन की सक्रिय रूप से निगरानी करने, यह जांचने के लिए कि क्या वे विकास संबंधी क्षमताओं को प्राप्त कर रहे हैं, और टीएचआर और एचसीएम के लिए पात्रता सत्यापित करने के लिए ऐप का उपयोग कर सकते हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है कि यह लाभार्थियों को आंगनवाड़ी सेवाओं की अपर्याप्त प्राप्ति से संबंधित शिकायतों के निवारण की मांग करने का अधिकार देता है। उदाहरण के लिए, स्तनपान कराने वाली मां, उसका पति या परिवार का कोई भी सदस्य अब टीएचआर न मिलने या स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र की समस्याओं, जैसे अनियमित रूप से खुलने या बुनियादी ढांचे की कमी जैसी समस्याओं की रिपोर्ट कर सकता है। 

पोषण ट्रैकर का लाभार्थी मॉड्यूल अपने लाभार्थियों के साथ सीधा संबंध स्थापित करके पोषण ट्रैकर को इंटरैक्टिव, नागरिक-केंद्रित, डिजिटल सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण प्रणाली के लिए एक बेंचमार्क में बदलने के लिए कई आशाजनक रास्ते खोलता है। मॉड्यूल के लिए विचार करने के लिए चार आशाजनक भविष्य की दिशाएं हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि भारत में स्मार्टफोन के व्यापक उपयोग का लाभ उठाते हुए, इस मॉड्यूल में निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र में मिलने का समय निर्धारित करने या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर पर दौरा करने की व्यवस्था करने जैसी सुविधाएं शामिल की जा सकती हैं। दूसरा, आगामी समुदाय-आधारित कार्यक्रमों के बारे में लाभार्थियों को संक्षिप्त संदेश या अलर्ट भेज कर, लाभार्थी मॉड्यूल स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं के साथ नागरिकों को जोड़ने के लिए एक मंच के रूप में काम कर सकता है।

इससे वजन दिवस जैसी सामुदायिक गतिविधियों में लाभार्थी की भागीदारी बढ़ सकती है, जहां गांव के सभी बच्चों का मासिक वजन लिया जाता है, अन्नप्राशन जैसे पोषण कार्यक्रमों का जश्न मनाया जाता है, जो छोटे बच्चों को ठोस खाद्य पदाथरे की शुरु आत का प्रतीक है और ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस के लिए स्थानों और तिथियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। तीसरा, पोषण ट्रैकर के भीतर एक इन-बिल्ट फीडबैक सिस्टम के निर्माण से लाभार्थियों को प्राप्त आंगनवाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने की सुविधा मिलेगी, जिसमें विकास निगरानी, खाद्य राशन की डिलीवरी, घर का दौरा और गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रेफरल शामिल हैं। यह वृद्धि पोषण ट्रैकर को ऐसे प्लेटफॉर्म में बदल सकती है जो सेवा वितरण के सामाजिक ऑडिट की अनुमति दे सकता है, जिससे लाभार्थियों की जरूरतों और मांगों का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सके।

अंत में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं, टीकाकरण स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं पर डेटा के साथ लाभार्थी इंटरफेस के एकीकरण की संभावना तलाशने से सभी पात्र माताओं और बच्चों को एक मंच पर स्वास्थ्य और पोषण स्थिति पर व्यापक रूप से नजर रखने में मदद मिल सकती है।
(सहलेखक प्रो. लिंडसे जैक्स)

डॉ. अनन्या अवस्थी


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