PICS: लीची करेगी किसानों को मालामाल

PICS: बारिश के बाद लीची की खिलती फसल से खिल उठे किसानों के चेहरें

बिहार में हाल में हुई बारिश से लीची की फसल में जान आ गई है. इसके साथ ही लीची के बेहतर फसल उत्पादन और देश के अन्य भागों में इसका सामान्य रूप से वितरण को लेकर इस प्रदेश के किसान आशान्वित हैं. बिहार में इस फल का उत्पादन करीब 255 टन है, जो कि देश में कुल उत्पादित 575 टन लीची का 45 प्रतिशत है. देश में काश्तकारी के लिए उपलब्ध 84 हजार हेक्टयर जमीन में से 32 हजार हेक्टयर पर यह फल पैदा किया जाता है. बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक एस डी पांडेय ने बताया कि गत वर्ष दिसंबर से इस वर्ष मई के पिछले सप्ताह तक बारिश नहीं होने से प्रदेश की 15 से 20 प्रतिशत लीची की फसल बर्बाद हो गई. उन्होंने बताया कि लीची के फल का वजन जो कि आमतौर पर 23 से 25 ग्राम होता है वह घटकर 17 से 18 ग्राम हो गया, लेकिन हाल में हुई बारिश से इस फसल को बहुत लाभ पहुंचा है. साथ ही बर्बाद हो रही इस फसल में नई जान आ गई है.

 
 
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