तो मंदिर के फूल-मालाओं से बनेगी बिजली!

वाह, अब मंदिरों में चढ़े फूल-मालाओं से बनेगी बिजली!

रोज सैंकड़ो भक्त मंदिरों में भगवान को फूल-मालाएं चढ़ाकर अपनी आस्था दिखाते हैं लेकिन ये सब बाद में किसी काम नहीं आते. पर अगर इन्हीं फूल-मालाओं से बिजली बनने लगे तो. सुनकर हैरान हो गए ना. जी हां, अयोध्या में जल्द ही ऐसा होने वाला है, वह भी बायोगैस बेस्ड डिसेंट्रलाइज्ड पावर जेनरेशन एंड इलेक्ट्रिफिकेशन प्रॉजेक्ट से. अब ये फूल-मालाएं सड़को-गलियों में यूं फेंकी नहीं जाएगी बल्कि घर-दफ्तर-मंदिरों में रोशनी करने के काम आएगी. बायोगैस एनर्जी प्लांट के नोडल अधिकारी और जिला विकास अधिकारी अभिराम त्रिवेदी ने बताया कि प्लांट के लिए 10 हजार स्क्वेयर फिट जमीन चाहिए. उस जमीन पर बायो एनर्जी मिशन सेल की टेक्निकल टीम पिट बनाकर सांचा लगाएगी. पिट में हफ्ते में एक बार 750 किलोग्राम मंदिरों से निकले वेस्ट, गोबर और अन्य बायोडिग्रेडेबल वेस्ट के फरमेंटेशन से हेवी मिथेन गैस पैदा होगी, जिसे कुकिंग गैस और जेनरेटर के जरिए बिजली के रूप में सप्लाई किया जाएगा.

 
 
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