हजरत इमाम-ए-हुसैन नाम नहीं पैगाम

 हजरत इमाम-ए-हुसैन नाम नहीं पैगाम है : मौ. मंसूर

उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को दुनियावी तालीम के साथ-साथ दीनी तालीम भी जरूर दिलानी चाहिए. ताकि उनको हक और बातिल का पता चल सके. आल इंडिया सुन्नी मूवमेन्ट के तहत मुसाहिबगंज में जलसे को खिताब करते हुए मौलाना अब्दुल बारी फारूकी ने कहा कि अल्लाह ने इंसानों को अपनी इबादत के लिए पैदा किया है, लेकिन वह दुनियादारी के चक्कर में खुदा को भूला है. मुसलमानों को नमाज व तकवे का पाबंद होना चाहिए.

 
 
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