मुश्किल में मोइत्रा

Last Updated 30 Oct 2023 01:49:49 PM IST

पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने स्वीकार किया है कि उन्होंने दर्शन हीरानंदानी को संसद का अपना पार्सवड व लॉग-इन दिया था। उन्होंने बिजनेसमैन व मित्र हारानंदानी से किसी भी तरह के नगद या उपहार लेने से इंकार किया।


पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा

सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के आरोपों में घिरी सांसद को लोक सभा की आचार समिति ने 31 अक्टूबर को तलब किया था, मगर उन्होंने 5 नवम्बर तक की मोहलत मांगी। समिति ने अब 2 नवम्बर को पेश होने को कहा। महुआ का कहना है कि कोई भी सांसद अपना सवाल खुद टाइप नहीं करता। दर्शन को पार्सवड व लॉग-इन की बात स्वीकारते हुए मोइत्रा ने बताया कि उनका कर्मचारी सवाल अपलोड कर सके इसलिए यह दिया था।

सीबीआई को की गई शिकायत में सर्वोच्च अदालत के वकील अनंत देहाद्रइ ने महुआ पर पैसों के बदले संसद में सवाल उठाने का आरोप लगाया है। इसी आधार पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह सवाल संसद में उठाया। अडानी समूह के खिलाफ पूछे गए सवालों पर मोइत्रा का कहना है कि वे वाजिब व राष्ट्र के हित में थे। साथ ही अनंत की शिकायत को फर्जी व निजी रिश्तों में नाकाम होने के कारण उठाया गया कदम कहा। सत्तारूढ़ दल की खुलकर आलोचना करने वाली तेजतर्रार सांसद विवादों में घिर चुकी हैं।

अमेरिका व ब्रिटेन से पढ़ कर आई मोइत्रा संसद में दिए गए अपने पहले ही भाषण के बाद से चर्चा में हैं। मोदी सरकार पर फासीवादी शुरुआती लक्षणों का आरोप लगाने व तीखे बयानों के चलते सोशल मीडिया में छाई रहने वाली मोइत्रा निजी जिंदगी को लेकर कई दफा ट्रोल भी की जाती हैं। हालांकि मौजूदा विवादों में उनकी स्वीकारोक्ति संकेत देने के लिए काफी है कि उन्होंने नियमों की अवहेलना की। साथ ही, तत्काल सतर्कता कड़ी करने की जरूरत भी बढ़ गई है।

जब नई संसद में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग हो रहा है तो सांसदों व कर्मचारियों को सटीक ज्ञान दिए जाने व पर्याप्त प्रशिक्षण की दरकार को समझना होगा। संसद की आई-डी पर लॉग-इन करने पर सांसद के मोबाइल नम्बर पर ओटीपी आता है, और वह किसी अन्य से इसका उपयोग कराता है, यह भी सुनिश्चत किया जाए। क्योंकि कुर्सी पर काबिज जिम्मेदार लोग इस तरह की लापरवाही करने के लिए आजाद नहीं छोड़े जा सकते। रहा सवालों के बदले पैसों का लेन-देन तो इसे रोकना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। जनता का प्रतिनिधि होने के कारण संसद सदस्यों की जवाबदेही सुनिश्चित की जानी जरूरी है।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment