जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी कामयाबी हासिल की

Last Updated 13 Aug 2024 09:50:56 AM IST

जम्मू-कश्मीर पुलिस को आतंकवाद विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी मिली है। आतंकवादी गतिविधियों को रोकने और आतंकवादी नेटवर्क को तोड़ने के लिए की जा रही कोशिशों में यह महत्वपूर्ण प्रगति है।


Jammu and Kashmir

जोनल पुलिस मीडिया सेंटर जम्मू के अनुसार, केंद्रीय एजेंसियों की ओर से दी गई खुफिया जानकारी और पुलिस की जांच के आधार पर सुरक्षाबलों ने गंदोह में ऑपरेशन चलाकर तीन विदेशी आतंकियों को मार गिराया।

सुरक्षाबलों ने हाल ही में घुसपैठ के पीछे के मुख्य मॉड्यूल का पर्दाफाश भी किया। इस आतंकी मॉड्यूल से डोडा, उधमपुर और कठुआ के ऊपरी इलाकों में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई थी।

मॉड्यूल के मास्टरमाइंड ने सीमा पार के आतंकवादी हैंडलर्स के साथ मिलकर भारत में अवैध तरीके से प्रवेश करने वाले विदेशी आतंकवादियों को हर संभव सहायता प्रदान की। मास्टरमाइंड ने जम्मू-कश्मीर के सांबा-कठुआ सेक्टर में आतंकवादियों की मदद की और उन्हें छिपाया।

इसने आतंकवादियों को शुरुआती आश्रय, भोजन और अन्य छोटी चीजें मुहैया कराने के अलावा, उन्हें उधमपुर-कठुआ-डोडा जिलों के ऊपरी इलाकों में पहुंचाने में भी मदद की।

मॉड्यूल के सदस्यों ने पुष्टि की है कि गंदोह मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकवादियों को छुपाने और उनका मार्गदर्शन करने में इस आतंकवादी मॉड्यूल ने मदद की थी। ये तब तक जारी रहा जब तक वो ऊपरी इलाकों में नहीं पहुंच गए।

सरगना की पहचान मोहम्मद लतीफ उर्फ ​​हाजी लतीफ के रूप में की गई है। मॉड्यूल के आठ अन्य सदस्यों को दुश्मन एजेंट के रूप में हिरासत में लिया गया है।

मोहम्मद लतीफ उर्फ ​​हाजी लतीफ पुत्र स्वर्गीय मीर जिला कठुआ के अम्बे नाल का निवासी है। वह इलाके में ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के नेटवर्क का मास्टरमाइंड है। वह इलाके से गुजरने वाले आतंकवादियों के समूहों के लिए गाइड/लॉजिस्टिक्स आदि के रूप में काम करता था।

मोहम्मद लतीफ के अलावा जिन्हें हिरासत में लिया गया है उनमें अख्तर अली पुत्र स्वर्गीय रशीद, सद्दाम, कुशल, नूरानी पुत्र स्वर्गीय मीर, मकबूल पुत्र मोहम्मद लतीफ, लियाकत पुत्र हाजी लतीफ, कासिम दीन पुत्र शाहीन दीन और खादिम शामिल हैं। यह सभी कठुआ जिले में अलग-अलग हिस्सों के निवासी हैं।

जोनल पुलिस मीडिया सेंटर जम्मू ने आगे जानकारी दी कि पशुओं को चराने के लिए ऊपरी इलाकों और पहाड़ों पर कच्ची झोपड़ियों में रहने वाले 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है। इनमें से ज्यादातर ने विदेशी आतंकवादियों के संपर्क में आने की बात स्वीकार की है।

आतंकवादियों को भोजन, आश्रय या संचार सहायता प्रदान करने की बात स्वीकारी है। कुछ लोगों ने पुलिस को सूचित नहीं किया और कुछ ने आतंकवादियों से पैसे भी लिए हैं।

जिन लोगों ने समय पर पुलिस को सूचित किया है, उन्हें निर्दोष माना जा रहा है। वहीं अन्य की जांच की जा रही है। मीडिया सेंटर ने आम जनता से अनुरोध किया है कि वे आतंकवादियों के बारे में कोई भी जानकारी मिलने पर जल्द पुलिस को सूचित करें।

_SHOW_MID_AD__

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment