वह जहर अगर असर कर जाता तो, शायद लता नहीं बन पातीं महान गायिका
स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की आज बर्थ एनिवर्सरी है।
स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर |
निर्विवाद रूप से लता विश्व की सबसे बढ़िया गायिका थीं। उन्हें स्वर कोकिला जैसे तमाम बड़े-बड़े उपनामों से जाना जाता रहा है लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि जहां लता जी के चाहने वालों की संख्या करोड़ों में थी वहीं उनके कुछ दुश्मन भी थे। दुश्मन भी ऐसे जो उनकी जान लेना चाहते थे। यह सुनकर हमारे दर्शकों को भले ही आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन यह सौ फीसदी सही है। भारत की मशहूर लेखिका,कवि और गीतकार पद्मा सचदेव ने अपनी पुस्तक' ऐसा कहां से लाऊं' में उस घटना का जिक्र किया है। पदमश्री लेखिका सचदेव ने अपनी पुस्तक में बताया है कि किस तरह उन्हें स्लो पॉइजन दिया गया था। लता जी का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के परिवार में हुआ था और 6 फरवरी 2022 में 92 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। लता मंगेशकर ने साल 1942 में फिल्म ‘पहिली मंगलागौर’ से अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी और उस वक्त वह सिर्फ 13 साल की थीं। बेहद कम उम्र में ही उन्हें पहचान मिल गई थी और जब वो 33 साल की हुईं तो उनकी जान लेने की कोशिश की गई थी।
लता मंगेशकर की बेहद करीबी रहीं दिग्गज हिंदी लेखिका पद्मा सचदेव ने अपनी किताब में पहली बार खुलासा किया था कि लता को 1962 में स्लो पॉइजन दिया गया था। अपनी किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में, पद्मा सचदेव ने लिखा है कि लता जी ने मुझे यह बताया। उन्होंने मुझे बताया कि वह 1962 में 33 साल की थीं। एक दिन सुबह-सुबह उनके पेट में तेज दर्द हुआ और उन्होंने दो-तीन बार हरे रंग की उल्टी की। उन्होंने कहा, वह अपने हाथ-पैर हिलाने की स्थिति में नहीं थीं और उनके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। पद्मा सचदेव ने आगे लिखा कि लताजी के डॉक्टर को बुलाया गया। वह उनकी जांच करने के लिए एक्स-रे मशीन लेकर आए, और उन्हें बेहोश करने के लिए एक इंजेक्शन दिया, क्योंकि लताजी दर्द में थीं। तीन दिनों तक लता जी मौत से जूझती रहीं। दस दिनों के बाद, वह ठीक होने लगी। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि किसी ने उन्हें स्लो पॉइजन दिया है।
पद्मा ने किताब में हैरान कर देनी वाली बात लिखी है। जब लता मंगेशकर की तबीयत बिगड़ी तो उनके घर में खाना बनाने वाला कुक अचानक गायब हो गया। उसने अपनी तनख्वाह भी नहीं ली और वो अचानक कहीं चला गया। बताया गया है कि वो कुक लता मंगेशकर से पहले अन्य फिल्म स्टार्स के घर पर काम कर चुका था। पद्मा ने लिखा है कि स्लो पॉइजन वाली घटना ने लता जी को बहुत कमजोर कर दिया था। वह लगभग 3 महीने तक बिस्तर पर थीं। उनकी आंतों में दर्द के कारण उन्हें बर्फ के टुकड़ों के साथ ठंडा सूप लेने के लिए कहा गया था। पद्मा ने किताब में आगे लिखा कि बॉलीवुड गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी रोजाना शाम 6 बजे लता जी से मिलने उनके घर जाते थे। मजरूह पहले खाना चखते थे और फिर लता को खाने की इजाजत देते थे। वह लता को खुश रखने के लिए कविताएं और कहानियां सुनाया करते थे। बता दें कि लता मंगेशकर ने लंदन की रहने वाली फिल्म लेखिका नसरीन मुन्नी कबीर को दिए एक इंटरव्यू में भी इस घटना का खुलासा किया था। इसके बाद नसरी ने लता की छोटी बहन उषा मंगेशकर से भी इसकी पुष्टि की थी।
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