तमिल एक्शन ड्रामा 'वेट्टैयान' में अमिताभ बच्चन और रजनीकांत के साथ सिल्वर स्क्रीन शेयर करने को तैयार हैं स्टार राणा दग्गुबाती। उन्होंने कहा कि उत्सुकता तो है लेकिन घबराहट भी महसूस कर रहा हूं।
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आइफा के दौरान न्यूज एजेंसी से खास बातचीत में राणा ने कहा, "बच्चन और रजनीकांत सर जैसे दिग्गजों के साथ काम करना किसी बेहतरीन अवसर से कम नहीं है, जो मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मगर इन सबसे बढ़कर यह मेरे लिए बेहद रोमांचक पल है।"
"यह मेरे लिए सीखने और समझने का मौका है कि कला के उच्च स्तर तक पहुंचने के लिए क्या करना पड़ता है।"
इस फिल्म में इतने बेहतरीन कलाकार हैं, जिसमें से फहाद फासिल भी एक हैं, क्या वह इस बात से सहमत हैं कि यह ब्लॉकबस्टर होगी?
"मैं बेहद उत्साहित हूं और हां, उत्सुकता साफतौर पर देखी जा सकती है। फिल्म में बेहद प्रतिभाशाली लोगों का समूह है और यह अपने आप में बेहद खास हाेगी। लेकिन यहां सबसे ज्यादा मायने दर्शकों का फैसला रखता है। मुझे उम्मीद है कि दर्शक इसे उसी जोश के साथ अपनाएंगे, जिसके साथ हमने इसे अपनाया है।''
पिछले कुछ सालों में “केजीएफ”, “बाहुबली” और “पुष्पा” जैसी पैन इंडिया फिल्मों ने न केवल रिकॉर्ड तोड़े हैं, बल्कि बॉक्स-ऑफिस को भी नया आकार दिया है, जिससे हिंदी फिल्मों को कड़ी टक्कर मिली है। भारतीय दर्शकों को लुभाने के साथ-साथ, पैन इंडिया फिल्मों ने साबित कर दिया है कि क्षेत्रीय कहानी कहने की कला बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंच सकती है।
पैन इंडिया फिल्मों को इतना लोकप्रिय बनाने के बारे में बात करते हुए, 39 वर्षीय स्टार ने कहा, “सिनेमा यूनिवर्सल है, हम सिर्फ भाषाओं के आधार पर ही अलग हैं, लेकिन दर्शकों के लिए यह एक भावना, एक उत्साह और एक ही कहानी है। जब आप दिलों को छू लेनी वाली कहानी सुनाते हैं तो भाषा और क्षेत्र मायने नहीं रखते।''
2011 में “दम मारो दम” से हिंदी फिल्म में कदम रखने वाले अभिनेता ने कहा, “बाहुबली,” “मिन्नल मुरली” “हनुमान” और “मंजुम्मेल बॉयज” की सफलता सिनेमा के ऐसे बेहतरीन उदाहरण हैं, जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है।''
हिंदी और क्षेत्रीय फिल्मों को सिर्फ 'भारतीय फिल्में' कहने में इतना समय क्यों लगा?
आईफा उत्सवम की मेजबानी कर रहे राणा ने कहा, "भारत का मतलब विविधता में एकता है । यही हमारी ताकत है। हम अच्छी कहानियों के जरिए रीजनल पावर के तौर पर उभरे हैं।''
आईफा उत्सवम बीटीएस मैजिक क्रिएट करने का नाम है। एक्टर के मुताबिक इसका मतलब दर्शकों के लिए मस्ती, हंसी और पर्दे के पीछे के जादू को पेश करना है।
उन्होंने कहा, ''यह सिर्फ पुरस्कार देने के बारे में नहीं है, यह कहानियों को शेयर करने के बारे में है, उस जुनून की खोज के बारे में है जो सिनेमा को वास्तव में एक अविश्वसनीय माध्यम बनाता है और जिसे हम सभी प्यार करते हैं। इसके साथ ही ये इसे साकार करने वालों की प्रतिभा का जश्न है। मैं चाहता हूं कि दर्शक महसूस करें कि वे भी इस उत्सव का हिस्सा हैं।''
वह मेजबानी को एक एडवेंचर की तरह देखते हैं।
कहते हैं, ''यह दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ ही अपनी हाजिर जवाबी से उनका ध्यान आकर्षित करने की चुनौती है। यह मुझे हमेशा तैयार रखता है। मुझे दर्शकों के साथ बातचीत, तुरंत कनेक्शन पसंद है इससे पूरा आयोजन खास बन जाता है।''
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