Dhanwantari well: धनवंतरी कुएं का जल पीने से तमाम रोगों से मिलती है मुक्ति, जानें पौराणिक मान्यताएं

Last Updated 28 Jul 2024 07:49:45 AM IST

धर्म की नगरी काशी अपने-आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है। इसी में एक है धनवंतरी कुआं (Dhanwantari well) , जिसका जल पीने के लिए लंबी कतारें लगती हैं।


इस कुएं को धनवंतरी कुआं कहते हैं। मान्यता है कि भगवान धनवंतरी ने यहां कई वर्षों तक घोर तपस्या की और देवलोक जाते वक्त अपनी सभी औषधियां इस कुएं में डाल गये। तभी से यह माना जाता है कि इस कुएं का जल पीने से तमाम बीमारियों से मुक्ति मिलती है।

वाराणसी के महामृत्युंजय मंदिर परिसर में यह चमत्कारी कुआं स्थित है। भगवान धनवंतरी को देवताओं का वैद्य माना जाता है और पुराणों में उनका उल्लेख आयुर्वेद के देवता के रूप में किया गया है। इसलिए, धनवंतरी कूप के औषधि वाला जल पीने से तमाम रोगों से मुक्ति मिलती है।

वाराणसी के मैदागिन स्थित महामृत्युंजय परिसर में कुएं का पानी पीने के लिए हर रोज दूर-दूर से लोग आते हैं। श्रद्धालुओं को पानी पिलाने के लिए वहां हमेशा सात-आठ लोग मौजूद रहते हैं। इस कूप में कुल आठ घाट हैं, लेकिन सिर्फ एक घाट से जल खींचा जाता है। प्राचीन समय में इस मंदिर परिसर में कुल सात कूप हुआ करते थे।

पुजारी विनय कुमार ने बताया कि यह महामृत्युंजय महादेव का मंदिर है। इस कुएं की मान्यता पौराणिक काल से है। जो श्रद्धालु काशी विश्वनाथ नहीं जा पाते, वे इस महामृत्युंजय मंदिर में महादेव के दर्शन करने आते हैं।

यह एक ऐसा दुर्लभ मंदिर है, जहां एक ही परिसर में इतने सारे देवता एक साथ विराजमान है। दो-दो द्वादश ज्योतिर्लिंग नागेश्वर और महाकालेश्वर महादेव का अंश यहां स्थित है। साथ ही जितने ज्योतिर्लिंग हैं, वे सतयुग के हैं और स्वयंभू हैं। यहां कोई शिवलिंग स्थापित नहीं है।

आईएएनएस
वाराणसी


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