सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से कहा, नीट (यूजी) परीक्षा में जरा भी गड़बड़ी पाई गई तो उसे स्वीकार करें

Last Updated 18 Jun 2024 02:42:27 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से कहा कि यदि नीट (यूजी) परीक्षा के आयोजन में जरा भी गड़बड़ी पाई गई तो उसे स्वीकार करे।


सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और एस.वी.एन. भट्टी की अवकाश पीठ ने टिप्पणी की कि यदि नीट परीक्षा के आयोजन में "0.001 प्रतिशत भी लापरवाही" हुई है तो इससे समुचित तरीके से निपटने की जरूरत है और मामले को एडवर्सरियल लिटिगेशन की तरह लेना चाहिए (जिसमें जांच की जिम्मेदारी संबंधित पक्ष पर होती है)। सुप्रीम कोर्ट ने किसी उम्मीदवार के फर्जीवाड़ा कर डॉक्टर बनने के संभावित बुरे परिणामों के बारे में भी चेताया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि कहीं गलती हुई है तो एनटीए को इसे स्वीकार करना चाहिए और प्रतियोगिता परीक्षाओं में लोगों का विश्वास बनाये रखने के लिए सुधारात्मक उपाय करने चाहिए। इसके जवाब में एनटीए ने कहा कि अदालत के समक्ष समुचित जवाब दाखिल करने से पहले सिर्फ कयासबाजी के आधार पर कोई कठोर राय नहीं बनानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने नीट (यूजी) परीक्षा में विभिन्न अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए दायर याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए एनटीए को दो सप्ताह का समय दिया है। उसने मामले को 8 जुलाई को सुनवाई के लिए निर्धारित दूसरी याचिकाओं के साथ टैग करने का भी आदेश दिया। बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट (ईओयू) ने रविवार को दावा किया था कि दो आरोपियों ने प्रश्न पत्र लीक करने में अपनी भूमिकाओं की बात स्वीकार कर ली है। शीर्ष अदालत ने पिछले सप्ताह मामले में सिर्फ एक पक्ष को सुनकर सीबीआई जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया था।

--आईएएनएस

एकेजे/

 

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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