दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन के 7 महीने पूरे होने पर किसानों ने आज अलग-अलग राज्यों में राजभवनों का घेराव किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की कोशिशों में जुटे रहे। वहीं किसानों की दिल्ली के उपराज्यपाल से वर्चुअल मीटिंग कराई गई।
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दिल्ली नॉर्थ ईस्ट के डीसीपी के दफ्तर आकर उपराज्यपाल के सचिव ने ज्ञापन भी लिया।
इस बीच दिल्ली में संवेदनशील हालात देखते हुए उपराज्यपाल के घर की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। उनसे मिलने के लिए किसी को भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस के साथ किसान नेता युद्धवीर सिंह और अन्य किसानों के होने और उपराज्यपाल से न मिलने पर राकेश टिकैत ने बॉर्डर से कहा कि, "या तो किसानों को उपराज्यपाल से मिलने दें या उन्हें तिहाड़ जेल भेज दें।"
दरअसल दिल्ली में किसान नेता युद्धवीर सिंह और अन्य साथी दिल्ली के उपराज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपने की बात कही लेकिन एलजी की तरफ से किसानों को समय नहीं दिया गया। हालांकि दिल्ली पुलिस ने सभी किसानों को अपने साथ रखा।
किसानों ने आरोप लगाया कि हमारे नेताओं को पुलिस ने पकड़ रखा है और एक जगह से दूसरी जगह ले जा रहे हैं। जिसके बाद गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने बैठक की।
बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, हमने बैठक में भी तय किया है कि, दो यात्राएं की जाएगी, जिसमें एक 9 जुलाई को शामली से यात्रा चलेगी, शामली से चलकर बागपत को रात गुजरेगी और 10 तारीख को सिंघु बॉर्डर पर जाएगी। 24 जुलाई को बिजनौर से चलकर मेरठ में रुकेगी और 25 को गाजीपुर बॉर्डर पर आजाएगी। वहीं हर मंडल पर हम बैठक करेंगे।
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