Kautilya Economic Conclave 2024: वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत एक आकर्षक स्थल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत को एक आकर्षक स्थल बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश उच्च आर्थिक वृद्धि का अपना सफर जारी रखने के लिए व्यापक स्तर पर बदलावों से गुजर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
उन्होंने कहा कि इसकी वजह से पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल पाए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां ‘कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन’ (Kautilya Economic Conclave 2024) के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद करने के लिए संरचनात्मक सुधारों को जारी रखने को प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि नौकरियों का सृजन, कौशल विकास, टिकाऊ वृद्धि और लगातार तेज गति से विस्तार पर उनके तीसरे कार्यकाल विशेष जोर है।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : Kautilya Economic Conclave 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज एक वैश्विक आपात स्थिति के बीच हम यहां ‘भारतीय युग’ के बारे में चर्चा कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि दुनिया भारत पर किस तरह भरोसा करती है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।’
उन्होंने कहा कि वित्त-प्रौद्योगिकी अपनाने की दर के मामले में भारत शीर्ष राष्ट्र के रूप में खड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा विनिर्माता है और इस समय मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता भी है।
उन्होंने ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ को अपनी सरकार का मार्गदर्शक मंत्र बताते हुए कहा, ‘जब लोगों के जीवन में बदलाव आता है, तो वे अपने देश में विश्वास करना शुरू कर देते हैं। फिर वही उनके जनादेश के माध्यम से परिलक्षित होता है। 140 करोड़ भारतीयों का विास हमारी ताकत है। हम भारत की बेहतरी के लिए और अधिक संरचनात्मक सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
उन्होंने दुनिया के दो अलग-अलग इलाकों में युद्ध चलने का जिक्र करते हुए कहा, “इस बार का ये कॉन्क्लेव ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया के दो बड़े रीजन में युद्ध की स्थिति है। ये दोनों रीजन ग्लोबल इकोनॉमी के लिए, खासतौर पर एनर्जी सिक्योरिटी के लिहाज से बहुत अहम हैं।
इतनी बड़ी वैश्विक अनिश्चितता के बीच हम सभी यहां ‘द इंडियन एरा’ यानी भारत के युग की चर्चा कर रहे हैं। ये दिखाता है कि आज भारत पर विश्वास कुछ अलग ही है। ये दिखाता है कि आज भारत का आत्मविश्वास कुछ विशेष है।”
एआई और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि
साथ ही उन्होंने एआई और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश की उल्लेखनीय वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा, “आज भारत का फोकस एआई और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर भी है।
इनमें हम काफी ज्यादा निवेश कर रहे हैं। हमारे एआई मिशन से एआई के क्षेत्र में अनुसंधान और स्किल, दोनों में वृद्धि होगी। भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन के कारण 1.5 ट्रिलियन रुपये यानी डेढ़ लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। बहुत जल्द ही भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट्स, दुनिया के कोने-कोने में मेड इन इंडिया चिप्स पहुंचाने लगेंगे।”
उन्होंने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा, “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चलते हुए, हम लगातार निर्णय ले रहे हैं, देश को तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं। यही वो इंपेक्ट है, जिसके कारण भारत के लोगों ने 60 साल बाद, लगातार तीसरी बार किसी सरकार को चुना है। जब लोगों का जीवन बदलता है, तब लोगों में ये भरोसा आता है कि देश सही रास्ते पर चल रहा है। यही भावना, भारत की जनता के मैंडेट में दिखती है।
भारत को विकसित बनाने के लिए ढांचागत बदलाव की जरूरत
140 करोड़ देशवासियों का ये विश्वास इस सरकार की सबसे बड़ी पूंजी है। हमारा कमिटमेंट है कि भारत को विकसित बनाने के लिए लगातार ढांचागत बदलाव करते रहेंगे। हमारा ये कमिटमेंट आप हमारे थर्ड टर्म के पहले तीन महीनों के काम में भी देख सकते हैं। योजना में बदलाव और स्किल्स को लेकर मजबूत कमिटमेंट, टिकाऊ विकास और नवाचार पर फोकस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी ऑफ लाइफ, और तेज ग्रोथ की कंटीन्यूटी, ये हमारे पहले तीन महीनों की पॉलिसी का रिफ्लेक्शन है। इस दौरान 15 ट्रिलियन भारतीय रुपये यानी 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के फैसले लिए गए हैं। इन्हीं तीन महीनों में भारत में अनेक मेगा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है। हमने देश में 12 औद्योगिक नोडल बनाने का भी निर्णय लिया है। हमने देश में तीन करोड़ नए मकान बनाने को भी मंजूरी दी है।”
दुनियाभर के देश भारत को मानते हैं इन्वेस्टमेंट के लिए पसंदीदा जगह
इसके बाद पीएम मोदी ने देश में बढ़ते औद्योगिक उत्पादन पर कहा, “भारत के इस कॉन्फिडेंस के पीछे कुछ ठोस कारण हैं। मैन्युफैक्चरिंग हो या फिर सर्विस सेक्टर आज दुनियाभर के देश भारत को इन्वेस्टमेंट के लिए पसंदीदा जगह मान रहे हैं। ये कोई संयोग नहीं है, बल्कि ये बीते 10 साल में हुए बड़े रिफॉर्म्स का ही नतीजा है। इन रिफॉर्म्स ने भारत के व्यापक आर्थिक बुनियादी बातों को बदल दिया है। जैसे एक उदाहरण भारत के बैंकिंग रिफॉर्म्स का है।
हमारे बैंकिंग रिफॉर्म्स ने बैंकों की वित्तीय स्थिति को तो मजबूत किया ही है, उनकी उधार देने की क्षमता को भी बढ़ाया है। इसी तरह, जीएसटी ने अलग-अलग सेंट्रल और स्टेट अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत किया है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड यानी आईबीसी ने जिम्मेदारी, वसूली और समाधान का नया क्रेडिट कल्चर डेवलप किया है। भारत ने माइनिंग, डिफेंस, स्पेस जैसे अनेक सेक्टर्स को प्राइवेट प्लेयर्स के लिए, हमारे युवा उद्यमियों के लिए खोला है। हमने एफडीआई नीति को उदार बनाया गया, ताकि दुनियाभर के इन्वेस्टर्स के लिए यहां ज्यादा से ज्यादा अवसर बन सकें। हम अपनी रसद लागत और समय को कम करने के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं। हमने बीते दशक इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश को अभूतपूर्व स्केल पर बढ़ाया है।”
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