कुकी विद्रोहियों को कौन, कहां से सप्लाई कर रहा हाईटेक हथियार
ड्रैगन मणिपुर में उग्रवादियों को प्रशिक्षण देकर भारत को अस्थिर करने को भेज रहा है साथ ही म्यामार के रास्ते अत्याधुनिक हाईटेक विदेशी हथियारों को भी उग्रवादियों तक पहुंचा रहा है। फिर भी भारत की कूटनीति और चुस्त सुरक्षा व्यवस्था के चलते विदेशी ताकतों की एक नहीं चल पा रही है।
(File photo) |
खुफिया विभाग सूत्रों के अनुसार मणिपुर में मैतेयी और कुकी के बीच हो रही नस्लीय हिंसा में कई हाईटेक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। ये हथियार विदेशों से पहुंच रहा है। खुफिया विभाग ने मणिपुर हिंसा से जुड़े दर्जनों वीडियो खंगाले और जब्त हथियारों का विश्लेषण किया।
कुकी विद्रोहियों ने अब ड्रोन और देसी रॉकेटों से हमला शुरू कर दिया है। अभी तक किसी को ये नहीं पता कि कुकी विद्रोहियों के पास हाईटेक हथियार आ कहां से रहे हैं।
कौन दे रहा है उन्हें इन हथियारों का जखीरा। खुफिया सूत्रों के अनुसार कुकी विद्रोही भारतीय हथियारों के अलावा चीन, अमेरिका, इंग्लैंड और म्यांमार में बने हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें अधिकतर एके-47, इंसास इसापोर फैक्ट्री में बनी 7.64 मिलिमीटर की सेल्फ लोडिंग राइफल्स और स्टन कार्बाइन जैसे वैसे हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल भारतीय सिक्योरिटी फोर्सेस भी करती हैं। वैसे भारत में बनी एडवांस स्वदेशी ‘घातक’ गन को भी मणिपुर पुलिस ने सीज किया है।
खुफिया विभाग के सामने सबसे बड़ी चिंता विदेशी हथियार को लेकर है। एम4 कार्बाइन, ये ऐसी राइफल है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका की तीनों सेनाएं करती हैं।अमेरिका में बनी एआर -15 सेमी-ऑटोमैटिक राइफल और उसके बाद की एम16 असॉल्ट राइफल। इसके अलावा जर्मनी में बनी हेकलर एंड कोच 5.56 राइफल्स। एके-47 का चीनी वैरिएंट एके-56, म्यांमार की एमए1, एमके -3, इसके अलावा ब्रिटेन में बनी एमके-5 राइफल भी कुकी विद्रोहियों के पास देखी गई हैं और सीज की गई हैं।
खुफिया इनपुट पर पुलिस ने व्हाइट फॉस्फोरस वाले स्मोक ग्रैनेड्स भी जब्त किए हैं। एचई -36 मिल्स, एमके -3ए2 हैंड ग्रैनेड्स, 51 मिलिमीटर और 81 मिलिमीटर के मोर्टार बम भी मिले हैं। इन्हें कुकी विद्रोही लोकल लॉन्चर से दागते हैं। ये लॉन्चर स्टील की पाइप से बनाए जाते हैं।
इन्हें पंपी कहते हैं। 51 एमएम वाला मोर्टार एक किलोमीटर और दूसरा वाला 5 किलोमीटर तक टारगेट कर सकता है। इतना ही नहीं टैंक उड़ाने लायक हाई-एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक हथियार भी हैं ताकि ये बख्तरबंद वाहनों को भी उड़ा सकें। कुकी नेशनल फ्रंट मिलिट्री काउंसिल या कुकी आर्मी के विद्रोहियों के पास आरपीजी हथियार भी हैं। इनमें 80 और 85 एमएम के ग्रैनेड दागे जाते हैं। आरपीजी के बारे में तब जानकारी मिली थी, तब चूराचंदपुर जिले के थांगजिंग पहाड़ियों पर कुकी विद्रोहियों का रेजिंग डे हो रहा था।
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