कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा की जरूरतों पर करें फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है और इस क्षेत्र में अगुवा बनने के लिए नवप्रवर्तन पर जोर, प्रतिस्पर्धी क्षमता विकसित करने के साथ उत्कृष्ट संस्थान निर्माण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (file photo) |
उन्होंने आईटी उद्योग से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास समेत देश के लोगों की अन्य जरूरतों को ध्यान में रखकर समाधान बनाए जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार नए भारत के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें निजी क्षेत्र की भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री ने ‘नासकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम’ को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने स्टार्टअप का जिक्र करते हुए कहा, स्टार्टअप संस्थापकों को इस बारे में सोचना चाहिए कि कैसे वे संस्थानें सृजित कर सकते हैं, केवल मूल्यांकन पर जोर नहीं होना चाहिए। आईटी बीपीएम (बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट) उद्योग का शीर्ष निकाय नासकॉम यह सम्मेलन तीन दिन (17-19 फरवरी) तक चलेगा।
पिछड़े क्षेत्र के बच्चों का रखें ध्यान : उन्होंने कहा,आपका जोर अगर देश के पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों पर होगा, बच्चों को डिजिटल शिक्षा देने पर होगा, उनमें विश्लेषण आधारित सोच विकसित करने पर होगा। यह पासा पलटने वाला साबित होगा। सरकार गांवों को आप्टिकल फाइबर से जोड़ रही है उसका लाभ आम लोगों को कैसे हो, गांव का व्यक्ति बाजार से कैसे जुड़े। आपसे जुड़े स्टार्टअप ऐसे उत्पाद लाएं जिससे लोगों की समस्याओं का समाधान आप्टिकल फाइबर आने के साथ मिले। यह बड़ा अवसर है।
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