नारे लिखी हुई टी-शर्ट के कारण गुरुवार को संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी। राज्यसभा में शुरुआती मिनटों की कार्यवाही के बाद न तो कोई प्रश्न पूछा जा सका, न ही किसी विषय पर सदन में कोई चर्चा हुई।

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कुछ यही हाल लोकसभा का भी रहा। दोनों सदनों की कार्यवाही बाद में शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
डीएमके के सांसद संसद में परिसीमन का लगातार विरोध कर रहे हैं। यह परिसीमन लोकसभा की सीटों के संबंध में है। डीएमके के सांसदों ने संसद में इस पर अपना विरोध प्रकट किया। सदन के बाहर संसद परिसर में इस विषय पर पोस्टर-बैनर के साथ प्रदर्शन किया गया।
डीएमके सांसद परिसीमन के संबंध में नारे लिखी हुई टी-शर्ट पहनकर सदन में पहुंचे। जिसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कड़ी आपत्ति दर्ज की और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
यह हंगामा संसद में परिसीमन के मुद्दे पर हुआ। सदन में नारे लिखी हुई टी-शर्ट पहनने को लेकर आपत्ति जताई गई। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में किसी भी प्रकार के नारेबाजी लिखकर लाना सही नहीं है। ऐसी टी-शर्ट पहनकर सदन में आना ठीक नहीं है।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में सदन की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। कार्यवाही स्थगित करते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह हाउस के सभी फ्लोर लीडर्स से चर्चा करेंगे। दोबारा प्रारंभ होते ही कार्यवाही को 12.15 बजे तक के लिए स्थगित किया गया।
वहीं, लोकसभा में भी यही स्थिति रही। सदन में तमिलनाडु के सांसद डिलिमिटेशन के मुद्दे पर विरोध जताने के लिए नारे लिखी हुई टी-शर्ट पहनकर आए। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सदन की कार्यवाही को एक बार फिर स्थगित कर दिया।
दूसरी तरफ 12.15 बजे राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही इसे दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोपहर 2 बजे राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई तो इसे शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस दौरान राज्यसभा में न तो शून्य काल हुआ और न ही प्रश्न काल। इसके अलावा राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा भी होनी थी। इसमें आंतरिक सुरक्षा समेत गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों पर चर्चा की जानी थी। चर्चा के अंत में गृह मंत्री अमित शाह को जवाब देना था। लेकिन, सदन की कार्यवाही स्थगित होने के कारण चर्चा भी नहीं हो सकी।
गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की शुरुआत बुधवार शाम को हुई थी। इस पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के कुछ सांसदों ने अपनी बात भी रखी थी। लेकिन, सदन का समय पूरा होने के कारण बुधवार को चर्चा पूरी नहीं हो सकी थी।
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