किसानों ने कई टोल प्लाजा पर किया कब्जा, दिल्ली की सीमाओं पर बढाए गए सुरक्षा बंदोबस्त

Last Updated 12 Dec 2020 12:28:40 PM IST

पंजाब और हरियाणा समेत दिल्ली हाईवे पर स्थित सभी टोल प्लाजा पर शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कब्जा कर लिया है।


उन्होंने यहां से गुजर रहे वाहनों को बिना कोई शुल्क दिए गुजरने दिया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृहनगर करनाल में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग -44 पर बस्तरा टोल प्लाजा और करनाल-जींद राष्ट्रीय राजमार्ग 709-ए पर पिऑन्ट टोल प्लाजा को बंद कर दिया है।

किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दोनों राज्यों में पुलिस तैनात की गई है।

किसानों ने आधी रात से ही बस्तरा टोल प्लाजा को बंद कर किया है और यात्रियों को बिना शुल्क दिए यहां से जाने दे रहे हैं। वहीं पिऑन्ट टोल प्लाजा को सुबह से शुल्क मुक्त कर दिया गया।

किसानों ने आंदोलन के 17 वें दिन यह कदम उठाया है और उनके इस आंदोलन के और तेज होने की उम्मीद है।

कृषि कानून वापस लेने पर अड़े किसान संगठनों को तीन हफ्ते होने जा रहे है और हर दिन किसान अपना आंदोलन तेज कर रहे हैं। जिसके कारण सिंघु बॉर्डर, टिगरी बॉर्डर समेत कई स्थानों पर यातायात ठप है।

दिल्ली से जुड़ने वाले अधिकांश बॉर्डर पर किसानों ने अपना डेरा डाला हुआ है। वहीं लोगों को सफर करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं किसान आज से दिल्ली-जयपुर और आगरा हाईवे जाम करने की तैयारी कर रहे हैं।

इन हाईवे के बंद होने से दिल्ली से जुड़ने वाले सभी मार्गो पर यात्रियों को एक बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी।

दरअसल किसानों ने केंद्र सरकार का प्रस्ताव खारिज कर दिया था वहीं अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली-आगरा हाईवे को 12 दिसंबर को बंद रखने का ऐलान किया है साथ ही देश के सभी टोल प्लाजा फ्री करने का भी तय किया है।

विभिन्न किसान संगठनों द्वारा दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे को 12 दिसंबर को बंद करने की धमकी के बीच दिल्ली-गुरुग्राम सीमा के बिलासपुर, पंचगांव, खेरकी दौला टोल क्षेत्र, डूंडाहेड़ा-दिल्ली और राष्ट्रीय राजमार्ग -48 पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

मानेसर की डीसीपी निकिता गहलौत ने कहा, "किसानों के राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने के फैसले को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया है और अब तक हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है कि रेवाड़ी या राजस्थान के जरिए गुरुग्राम में किसी भी किसान संगठन ने प्रवेश किया हो।"

उधर दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले संदिग्ध वाहनों पर कड़ी निगरानी रख रही है। उन्होंने सीमा पर कीचड़ से लदे कुछ ट्रक और बैरिकेड लगाए हैं।

एक्सप्रेस वे पर तैनात एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने कहा, "सप्ताहांत होने के कारण एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की संख्या कम है और हमने सीमा पर कोई भी ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं देखी है। हम कमर्शियल वाहनों और राज्य परिवहन बसों की जांच करते रहेंगे।"

एनसीआर के इस शहर में जिला प्रशासन ने किसी भी घटना से निपटने के लिए जिले भर की पुलिस के साथ 68 डिप्टी मजिस्ट्रेटों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।

गुरुग्राम महानगर सिटी बस लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजू चौधरी को राजमार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में पूरे जिले के लिए प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि दक्षिण हरियाणा और राजस्थान के किसानों का एक समूह किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए रविवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ सकता है। उन्हें यह भी इनपुट मिले हैं कि कुछ समूह एनएच -48 पर खेरकी दौला टोल प्लाजा में धरना दे सकते हैं।

गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के.के.राव ने कहा, "अब तक जिले भर में कोई अप्रिय घटना या सड़क को अवरुद्ध किए जाने की सूचना नहीं मिली है। बल के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को तैनात किया गया है। हमने एक्सप्रेसवे और टोल प्लाजा को अवरुद्ध करने की योजनाओं के मद्देनजर जरूरी एहतियाती उपाय करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है।"

गौरतलब है कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हजारों किसान बीते 16 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं जिनमें बहुस्तरीय अवरोधक लगाना और पुलिस बल को तैनात करना शामिल है। प्रदर्शन स्थलों पर यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इस लिहाज से भी कुछ उपाय किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि दिल्ली यातायात पुलिस ने महत्वपूर्ण सीमाओं पर अपने कर्मियों को तैनात किया है ताकि आने-जाने वाले लोगों को कोई परेशान नहीं हो। इसके अतिरिक्त ट्विटर के जरिए लोगों को खुले एवं बंद मार्गों की भी जानकारी दी जा रही है।

दरअसल किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन का सरकार का प्रस्ताव बुधवार को खारिज कर दिया था, इसके साथ ही जयपुर-दिल्ली तथा यमुना एक्सप्रेसवे को शनिवार को अवरुद्ध करके अपने आंदोलन को तेज करने की घोषणा की थी।

यातायात पुलिस ने शनिवार को यात्रियों को ट्वीट करसिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी और मंगेश सीमाओं के बंद होने की जानकारी दी। लोगों को लामपुर, सफियाबाद, साबोली औरसिंघू स्कूल टोल टैक्स सीमाओं से आनेजाने की सलाह दी गई है।

यातायात पुलिस ने कहा कि मुकरबा और जीटीके रोड से मार्ग बदला गया है अत: लोगों को बाहरीरिंग रोड, जीटीके रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर जाने से बचना चाहिए।

 

आईएएनएस/ भाषा
नई दिल्ली


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