वापस नहीं होंगे नए कृषि कानून, सरकार भेजेगी संशोधन के प्रस्ताव

Last Updated 09 Dec 2020 10:17:32 AM IST

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार को हुई किसान संगठनों की बैठक में यह तय हुआ कि नए कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर सरकार अब किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजेगी।


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)

इस प्रस्ताव पर विचार करके किसान नेता सरकार को अपना फैसला बताएंगे। यह जानकारी बैठक में शामिल हुए किसान नेताओं ने दी। गृहमंत्री ने किसान संगठनों से स्पष्ट कर दिया है कि नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे, हालांकि उन्होंने संशोधन पर विचार करने की बात कही है।

हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि सरकार ने नये कृषि कानूनों को वापस लेने की उनकी मांग ठुकरा दी है। बैठक की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "बैठक में यह तय हुआ कि कृषि कानून में संशोधनों के बिंदुओं को लेकर एक प्रस्ताव सरकार किसान संगठनों को भेजेगी जिस पर विचार करके वे अपने निर्णय बताएंगे।"

उन्होंने कहा कि बुधवार को निर्धारित सरकार के साथ किसान संगठनों की अब कोई बैठक नहीं होगी, बल्कि सरकार अपने प्रस्ताव किसान संगठनों को भेजेगी।

ऑल इंडिया किसान सभा के हनन मुल्ला ने बताया कि कल सरकार और किसानों के बीच वार्ता नहीं होगी, बल्कि कल सरकार किसान नेताओं को अपना प्रस्ताव देगी जिसके बाद किसान नेता उस पर विचार करके अपने निर्णय देंगे।

उन्होंने बताया कि आज की बैठक में सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून वापस लेना संभव नहीं है। सरकार की तरफ से जो कुछ किया जा सकता है उस बारे में एक लिखित प्रस्ताव कल किसान नेताओं को सुबह दिया जाएगा। इस प्रस्ताव के आधार पर सभी किसान नेता प्रतिनिधि अपनी कमेटी में चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति तय होगी। मुल्ला का कहना था कि सरकार जब तक लिखित में कानून वापस लेने का आश्वासन नहीं देती तब तक अगली बैठक में आने का कोई प्रश्न नहीं उठता।

गृहमंत्री के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की यह बैठक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), पूसा में आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।

इस बैठक में लिए गए फैसले के बाद अब नए कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं की नौ दिसंबर को निर्धारित छठे दौर की वार्ता नहीं होगी। बैठक में किसानों के 13 प्रतिनिधि पहुंचे हैं।

उधर, किसान संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को देशव्यापी बंद शांतिपूर्ण रहा। मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने बीते सितंबर महीने में कृषि से जुड़े तीन कानून लागू किए जिनमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के मकसद से लागू किए गए तीन नये कानूनों में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं।

किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार ने उन्हें संशोधन करने का आश्वासन दिया है। किसान संगठनों सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रखने का आश्वासन दिया है।

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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