मोदी सरकार : ग्रामोदय से राष्ट्रोदय तक

Last Updated 02 Oct 2024 01:25:26 PM IST

दो अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर पूरा विश्व युद्ध, तनाव और अनिश्चितता के माहौल में शांति एवं सद्भावना के सिद्धांत पर चलने वाले महात्मा गांधी सरीखे व्यक्तित्व की कमी महसूस कर रहा है।


मोदी सरकार : ग्रामोदय से राष्ट्रोदय तक

शांति एवं सद्भावना के अग्रदूत, ग्राम स्वराज और पंचायती राज प्रणाली के विचारक महात्मा गांधी के विचार आज के परिप्रेक्ष्य में भी उतने ही उपयुक्त और मूल्यवान हैं, जितने उनके जीवनकाल के दौरान थे। संयोगवश आज ‘जय जवान जय किसान’ नारे के जनक व भारत के दूसरे प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादूर शास्त्री का भी जन्मदिवस है।   

वास्तव में सशक्त आदर्श ग्राम या ग्राम स्वराज की गांधीवादी दृष्टि तथा ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत के महत्त्व की पहचान हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने की है। गांवों को समृद्ध बनाने का जो सपना इन महान विभूतियों ने देखा उन्हीं के विजन और सिद्धांतों के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत का संकल्प दोहराया है। उनका दृढ़ विास है कि विकसित भारत का रास्ता गांवों से ही गुजरता है। अर्थव्यवस्था का विकास काफी हद तक ग्रामीण क्षेत्रों की प्रगति पर आधारित है जिसे ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने 2014 की शुरुआत से ही कई नई महत्त्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की तथा पहले से चल रही योजनाओं में आमूल-चूल परिवर्तन के साथ योजनाओं को लागू किया जिनमें प्रधानमंत्री विकर्मा योजना, प्रधानमंत्री जन-मन योजना,  दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, सांसद आदर्श ग्राम योजना, मिशन अंत्योदय, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि प्रमुख योजनाएं आत्मनिर्भर गांव का आधार बन गई हैं।

इनके स्पष्ट परिणाम भी नजर आ रहे हैं, भारत आज कई विकासशील देशों का पछाड़ कर विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ग्रामीण विकास मंत्रालय गरीबी दूर करने तथा ग्रामीण आबादी विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को बेहतर जीवन स्तर मुहैया करा कर उनका विकास करने को कृतसंकल्प है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई ग्रामीण सड़कें आर्थिक विकास को गति दे रही हैं। पीएमजीएसवाई योजना में अगस्त, 2024 तक 8 लाख 23 हजार 739 किलोमीटर सड़क बनाने की स्वीकृति दी गई थी जिसमें से 7 लाख 65 हजार 911 किमी. सड़क बन चुकी हैं। ग्रामीण विकास को गति देने के लिए नई प्रौद्योगिकी के अंतर्गत भी कई पहल की गई हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश राज्य में फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) नाम से सड़क निर्माण क्षेत्र में नवीन प्रणाली की शुरुआत की है। कम लागत के विकल्प और थिनर सरफेस कोर्स के लिए एक स्थायी तकनीक से युक्त एफडीआर के तहत अरु णाचल प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में कुल 9,734 किमी. लंबाई की मंजूरी दी है।

मनरेगा योजना को व्यावहारिक बनाने के परिणाम जगजाहिर है। 2006-07 से 2013-14 तक इस योजना में 2 लाख 13 हजार 220 करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि मोदी सरकार ने 2014-15 से 2024-25 तक इसमें 246 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके मनरेगा के लिए 7 लाख 40 हजार 669 करोड़ रुपये जारी किए जिससे ग्रामीणों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े।  ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। नमो ड्रोन दीदी, लखपति दीदी, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना ने ग्रामीण महिलाओं में आत्मविास का संचार किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कृषि तकनीक के बारे में बात करते हुए ग्रामीण विकास के क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता का लाभ उठाने की वकालत की थी। कहा था कि स्वयंसहायता समूहों को 15,000 महिलाओं को ड्रोन के संचालन और मरम्मत के लिए ऋण देकर प्रशिक्षित किया जाएगा। इन महिला स्वहायता समूहों द्वारा ड्रोन के उड़ान कार्यक्रम के संचालन को तेजी से मूर्तरूप दिया जा रहा है। स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम भी ग्रामीणों को नये उद्योगों के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। सरकार ने लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य को एक करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दिया है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पहले सौ दिनों के लिए ग्यारह लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य को समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री मंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत लगभग 3 करोड़ आवासों की स्वीकृति और 99.9 प्रतिशत लक्ष्यों की प्राप्ति अपने आप में विश्व रिकार्ड है। मंत्रालय ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की ग्रामीण महिला उद्यमियों को टिकाऊ परिवहन के रूप में इलेक्ट्रिक साइकिल प्रदान करने के लिए ग्ग्छ्र किया है जिससे ग्रामीण परिवहन को न केवल वाहनों की भीड-भाड़ से मुक्ति मिलेगी, बल्कि परिवहन के क्षेत्र में कॉर्बन उत्सर्जन को भी कम किया जा सकेगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय अपनी महत्त्वाकांक्षी योजनाओं के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी स्वेरोजगार, विकास, सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी अनेक योजनाओं में भी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है।

कई मंत्रालयों द्वारा संयुक्त  रूप से चलाई जा रही प्रधानमंत्री जन-मन योजना के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी ग्रामीण भाई-बहनों के लिए सबको पक्का घर, हर घर नल से जल, गांव-गांव सड़क, हर घर बिजली, बेहतर शिक्षा, कौशल विकास, सबके लिए अस्पताल, गांवों तक मोबाइल मेडिकल यूनिट, सबको पोषण आहार, उन्नत आजीविका तथा दूर-दराज गांव तक मोबाइल नेटवर्क जैसी 11 बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का सहराहनीय संकल्प लिया है। यदि सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं तथा उनके परिणामों को दलगत राजनीति के चश्मे से हट कर देखा जाए तो स्पष्ट नजर आता है कि पिछले 10 वर्षो में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में सरकार की योजनाओं से हर वर्ग, धर्म और क्षेत्र का अद्भूत और सर्वागीण विकास हुआ है।
(लेखक केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री हैं)

कमलेश पासवान


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