भारत ने पेरू के लीमा में चल रही आईएसएसएफ जूनियर विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए प्रतियोगिता के चौथे दिन पांच स्वर्ण पदक जीते।
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भारत ने पेरू के लीमा में चल रही आईएसएसएफ जूनियर विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए प्रतियोगिता के चौथे दिन पांच स्वर्ण पदक जीते जिनमें दिव्यांशी और मुकेश नेलवल्ली के महिला और पुरुष वर्ग में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में जीते गए स्वर्ण पदक भी शामिल है।
भारतीय निशानेबाजों ने अब तक 10 स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक सहित कुल 14 पदक जीते हैं। अमेरिका (10) और इटली (08) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
दिव्यांशी ने 35 का स्कोर बनाकर फाइनल में इटली की क्रिस्टीना मैग्नानी को दो अंकों से हराया। फ्रांस की हेलोइस फोरे तीसरे स्थान पर रहीं।
दिव्यांशी ने तेजस्विनी और विभूति भाटिया के साथ मिलकर जूनियर महिला 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में भी सोने का तमगा हासिल किया। भारतीय टीम ने 1711 के स्कोर के साथ चेक गणराज्य और जर्मनी को पीछे छोड़ा।
इससे पहले दिव्यांशी ने क्वालिफिकेशन में 577 का स्कोर बनाकर पांचवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। तेजस्विनी (569) 13वें, विभूति (565) 22वें और नाम्या कपूर 552 के साथ 40वें स्थान पर रहीं।
नेलवल्ली ने दो और स्वर्ण पदक जीतकर चैम्पियनशिप में अब तक अपने स्वर्ण पदकों की संख्या तीन पर पहुंचा दी है।
उन्होंने जूनियर पुरुष 25 मीटर पिस्टल में 585 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। इस भारतीय निशानेबाज ने हमवतन सूरज शर्मा को दो अंक से पीछे छोड़ा। इस तरह से सूरज ने प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला रजत पदक जीता।
नेलवल्ली, सूरज और प्रद्युम्न सिंह (561) ने टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इन तीनों भारतीय निशानेबाजों ने कुल मिलाकर 1726 अंक बनाए तथा पोलैंड को तीन अंक से पीछे छोड़ा। इटली की टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया।
भारत ने चौथे दिन पांचवां स्वर्ण पदक पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन (3पी) की टीम स्पर्धा में जीता। भारत के शौर्य सैनी, वेदांत नितिन वाघमारे और परीक्षित सिंह बराड़ ने 1753 अंक बनाकर जूनियर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की और स्वर्ण पदक हासिल किया। नॉर्वे दूसरे और स्वीडन तीसरे स्थान पर रहा।
शौर्य ने इस स्पर्धा के क्वालिफिकेशन दौर में 583 अंक बनाकर सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। फाइनल में वह हालांकि अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और सातवें स्थान पर रहे।
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