हरियाणा के 1.20 लाख किसानों ने किया मोदी सरकार के नये कृषि कानून का समर्थन
हरियाणा के करीब 1.20 लाख किसानों ने नये कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से इन्हें वापस नहीं लेने की मांग की है। इन किसानों ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सोमवार को एक पत्र लिखकर नये कानून का समर्थन किया।
हरियाणा के 1.20 लाख किसानों ने किया नये कृषि कानून का समर्थन |
केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में हो रहा है और किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। तीनों कानूनों के समर्थन में केंद्र सरकार को यह पत्र हरियाणा के किसान उत्पादक संगठनों से जुड़े व प्रगतिशील किसानों ने लिखा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री के नाम इस पत्र में इन किसानों ने लिखा है कि, "हम हरियाणा के 70 हजार एफपीओ से जुड़े किसान (50,000 किसान जो एफपीओ से हुड़े हैं) और 50 हजार से अधिक प्रगतिशील किसान भारत सरकार द्वारा लाए तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में हैं।"
हालांकि उन्होंने किसान संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुरूप इनमें संशोधन जारी रखने की मांग की है।
उन्होंने कहा, हम किसान संगठनों की ओर से एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और मंडी व्यवस्था (एपीएमसी मंडी) जारी रखने के पक्षधर हैं।
इन्होंने किसान संगठनों के सुझावों के अनुरूप कानून में संशोधन के साथ तीनों कानूनों को जारी रखने की मांग की है। उन्होंने सरकार से उनकी बात सुनने के लिए उन्हें भी समय देने का अनुरोध किया है।
केंद्र सरकार द्वारा लागू ये तीन कानून हैं:
1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020
2. कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020
3. आवश्यक वस्तु (संशोधन कानून) 2020
पंजाब, हरियाणा समेत देश के अन्य प्रांतों के किसान संगठनों से जुड़े लोग देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस मसले को लेकर केंद्र सरकार के साथ उनकी पांच दौर की वार्ता हो चुकी है और अगले दौर की वार्ता नौ दिसंबर को होने वाली है। इस बीच किसान नेताओं ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है।
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