सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर मोदी, नायडू सहित अन्य ने सुरक्षा बलों का जताया आभार

Last Updated 07 Dec 2020 11:31:04 AM IST

देश के सम्मान की रक्षा के लिए सीमाओं पर लड़ाई लड़ चुके और अभी भी सीमाओं पर लड़ रहे शहीदों और वर्दीधारियों को सम्मानित करने के लिए पूरे देश में 1949 के बाद से 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' पर सुरक्षा बलों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "भारत को वीर सेवा और सशस्त्र बलों के निस्वार्थ बलिदान पर गर्व है।" प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा, "'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' हमारे सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। भारत को उनकी वीर सेवा और निस्वार्थ बलिदान पर गर्व है। हमारी सेनाओं के लिए कल्याण में योगदान दें। यह पहल हमारे कई बहादुर कर्मियों और उनके परिवारों की मदद करेगा।"

सशस्त्र सेना झंडा दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण के लिये देश की जनता से धन-संग्रह के प्रति समर्पित एक दिन है।इसकी शुरुआत 1949 में हुई थी और 07 दिसंबर को देश में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने देशवासियों से सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का आह्वान किया है।नायडू ने सोमवार को झंडा दिवस के अवसर पर जारी एक संदेश में कहा कि सैनिकों और उनके परिवार का ध्यान रखना एक पुनीत कर्तव्य है।

उन्होंने कहा, “सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर देशवासियों का आह्वान करता हूं कि युद्ध और शांति में देश की रक्षा के लिए समर्पित हमारे वीर सैनिकों और उनके परिजनों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। उनकी और उनके परिजनों की देखरेख सारे राष्ट्र का पुनीत दायित्व है। उसके लिए उदारतापूर्वक योगदान करें।”

जावडेकर ने इस अवसर पर ट्वीट किया, “आइए हम शहीदों और सैनिकों जो देश के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी सीमाओं पर बहादुरी से लड़ते हैं उनको सम्मानित करने के रूप में उनके परिवारों के कल्याण में योगदान करें।

नकवी ने अपने ट्वीट में कहा, “सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और समर्पण को सलाम। आइये, सैनिकों के कल्याण के लिए "सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष" में योगदान दें।

सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर हुए धन संग्रह के तीन मुख्य उद्देश्य है-

01 - युद्ध के समय हुई जनहानि में सहयोग।

02 - सेना में कार्यरत कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण और सहयोग हेतु।

03 - सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण हेतु।

इस दिवस पर धन-संग्रह सशस्त्र सेना के प्रतीक चिह्न झंडे को बाँट कर किया जाता है। इस झंडे में तीन रंग (लाल, गहरा नीला और हल्का नीला) तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते है।
 

वार्ता/आईएएनएस
नई दिल्ली


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