LAC पर तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है चीन
भारतीय वायुसेना 2047 तक अपने सभी सामान का उत्पादन भारत में ही करने पर विचार कर रही है। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने यह जानकारी दी।
LAC पर तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है चीन |
वायुसेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, खासकर लद्दाख सेक्टर में और भारत भी LAC पर बुनियादी ढांचे की तैयारी कर रहा है।
विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में भू-राजनीतिक तनावों और संघर्षं पर चर्चा करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणालियों का होना महत्वपूर्ण है। एक प्रश्न के उत्तर में एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि रूस ने एस-400 मिसाइल प्रणाली की तीन इकाइयों की आपूर्ति कर दी हैं तथा उसने अगले वर्ष तक शेष दो इकाइयों की आपूर्ति करने का वादा किया है।
साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि वर्ष 2047 तक वायु सेना के बेड़े के सभी विमान और हथियार स्वदेशी होंगे। उन्होंने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में तेजी से ढांचागत निर्माण और सुविधाएं बढ़ा रहा है और हम भी अपने क्षेत्र में ढांचागत निर्माण और सुविधा बढ़ाने में लगे हैं।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा है कि यदि भविष्य के युद्धों में जीत हासिल करनी है तो स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हथियारों की संख्या बढानी होगी और इसके लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को हर वर्ष 24 विमान बनाने के वादे को पूरा करना होगा।
दिनों दिन बदलती परिस्थितियों और मौजूदा युद्धों को देखते हुए वायु सेना की ताकत के बढ़ते महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यदि एचएएल इस चुनौती को पूरा नहीं कर पाता है तो देश के निजी क्षेत्र को इसके लिए आगे आना होगा। उन्होंने बेबाक अंदाज में कहा कि वायु सेना में लड़ाकू विमानों के स्क्वैड्रनों की संख्या रातों रात नहीं बढ़ायी जा सकती। उन्होंने कहा कि वायु सेना को अभी उसके पास जो विमान और हथियार हैं उन्हीं के साथ लड़ना होगा।
| Tweet |