सेंसेक्स की बढ़त जारी

Last Updated 08 Feb 2021 12:16:27 AM IST

सेंसेक्स 50000 के पार जा कर अब इससे नीचे आने की प्रवृत्ति नहीं दिखा रहा है। इसके गहरे आशय हैं।


सेंसेक्स की बढ़त जारी

रिजर्व बैंक ने हाल में मौद्रिक नीति से जुड़ी जो घोषणाएं की हैं, उनमें कुछ बातें एकदम साफ हैं। एक तो यह कि देश की अर्थव्यवस्था अब पक्के तौर पर पटरी पर आ रही है। रिजर्व बैंक के अनुसार अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में सुधरकर 10.5 फीसद पर आने का अनुमान है। देश-विदेश के तमाम संस्थानों के आकलन पर नजर डालें, तो साफ होता है कि 2021-22 के दौरान देश की विकास दर का आंकड़ा दस प्रतिशत से ऊपर ही दिख रहा है। कुछ दिनों पहले प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण में भी अनुमान किया गया था कि 2021-22 में विकास दर 11 प्रतिशत रहेगी। इसके अलावा जीएसटी का संग्रह जनवरी 2021  में 1,20,000 करोड़ रुपये का रहा। यह अभी तक का सबसे ज्यादा बड़ा संग्रह है जीएसटी का। यानी अर्थव्यवस्था के सुधार के सिर्फ आकलन ही नहीं हैं। बल्कि जमीनी स्तर पर उनके संकेत भी साफ हैं। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई वित्त वर्ष 2021-22 में हो जाएगी। 2021-22 के लिए अनुमान रखा गया है कि राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत रहेगा।

कोरोना काल में राजकोषीय घाटा तय लक्ष्य के दोगुने से भी ऊपर चला गया। पर इस पर ज्यादा चिंता होती नहीं दिख रही। आर्थिक सर्वेक्षण कुछ दिन पहले ही कोरोना संकट को शताब्दी के संकट के तौर पर चिह्नित कर चुका है। यानी ऐसा अपवादपूर्ण संकट जो एक शताब्दी में देखने में आता है कभी कभार। तो इस अपवाद स्वरूप परिस्थिति में राजकोषीय घाटा का ज्यादा हो जाना चिंता का विषय तो है, पर इस पर हाहाकार की जरूरत नहीं है। आरबीआई का आकलन आश्वस्तकारी इसलिए है कि बजट में प्रस्तुत आंकड़े तो संसाधनों के संकट का संकेत दे रहे थे। सरकारी उपक्रमों के शेयर बेचकर 2020-21 में 2,10,000 करोड़ रुपये उगाहे जाने थे, पर सिर्फ  32000 हजार करोड़ रुपये ही उगाहे जा सके। सेंसेक्स चढ़े रहने से सरकार की राह आसान हो जाएगी। पर सेबी को सावधान रहना होगा। भारत में बड़े घोटाले शेयर बाजार में तब हुए हैं जब बाजार तेजी में रहा है। यह प्रसन्नता के साथ सावधानी का समय है।



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