उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने का आदेश देने संबंधी याचिका पर गुरूवार को हिंदू पक्ष के वकीलों ने अपना जवाब दाखिल किया, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर के लिए निर्धारित कर दी गयी।
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हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) युगुल शंभू के समक्ष अपनी दलील में उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में एएसआई द्वारा किया गया सर्वेक्षण अधूरा है और एएसआई बिना खुदाई के सही रिपोर्ट नहीं दे सकती लिहाजा एएसआई को ज्ञानवापी में खुदाई करेने और पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया जाना चाहिए।
इससे पहले, गत आठ अक्टूबर को अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने याचिका पर अपनी दलीलें पेश की थीं।
कमेटी के वकीलों ने कहा था कि जब हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में मामले को उठाने की अपील की है तो अधीनस्थ न्यायालय में इस मामले पर बहस करने का कोई औचित्य नहीं है।
मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने यह भी दलील दी थी कि जब ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वेक्षण एक बार पहले ही हो चुका है तो दूसरा सर्वेक्षण करने का कोई औचित्य नहीं है।
मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि सर्वेक्षण के लिए मस्जिद परिसर में गड्ढा खोदना किसी भी तरह से व्यावहारिक नहीं होगा और इससे मस्जिद को नुकसान हो सकता है।