World Meditation Day 2024 : श्री श्री रविशंकर के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में सभी ने किया ध्यान

Last Updated 21 Dec 2024 01:41:53 PM IST

World Meditation Day 2024 : विश्व ध्यान दिवस की पूर्व संध्या (World Meditation Day) पर अध्यात्मिक गुरू और 'आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने शुक्रवार (20 दिसंबर) को संयुक्त राष्ट्र संघ में आयोजित ध्यान सत्र का नेतृत्व किया। इस दौरान उनकी अगुवाई में करीब 18 मिनट तक वहां मौजूद सभी लोगों ने ध्यान किया।



बता दें संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया है।

शुक्रवार को उस समय, सुरक्षा परिषद में तीखी बहस चल रही थी जिसमें 'अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे' पर चर्चा हो रही थी। इससे पहले दिन में 'सशस्त्र संघर्षों में बच्चे', मध्य पूर्व और अफ्रीका में तनाव और यूक्रेन युद्ध जैसे विषयों पर चर्चा हो चुकी थी।

ट्रस्टीशिप काउंसिल चैंबर में शांति के माहौल में, रविशंकर ने विश्व ध्यान दिवस की पूर्व संध्या पर संयुक्त राष्ट्र में ‘वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए ध्यान’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जिसे इस महीने महासभा द्वारा नवगठित किया गया था।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में शांति और सुरक्षा के बारे में काफी चर्चा होती है। ध्यान से आंतरिक सुरक्षा और आंतरिक शांति प्राप्त हो सकती है, जिससे विश्व एक बेहतर स्थान बन सकता है।

आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक रविशंकर ने कहा, "मैं सभी देशों से शांति शिक्षा पर थोड़ा और ध्यान देने की अपील करता हूं। आइए हम अपने युवाओं को सिखाएं कि कैसे आराम करें, कैसे रोजाना तनाव से छुटकारा पाएं, कैसे अपनी नकारात्मक भावनाओं को संभालें और कैसे केंद्रित रहें।"

बता दें कि इसी 6 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत, लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा के एक मुख्य समूह द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। साथ ही विंटर सोलस्टाइस डे के अवसर पर मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम का कई अन्य देशों ने भी समर्थन किया।

महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने इस मौके पर कहा, "ध्यान सीमाओं, धर्मों, परंपराओं और समय से परे है, यह हममें से प्रत्येक को रुकने, सुनने और अपने भीतर के आत्म से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।"

उन्होंने कहा, "अपने मौन में, ध्यान एक सार्वभौमिक सत्य बोलता है कि हम सभी मानव हैं, सभी संतुलन की तलाश कर रहे हैं, और सभी अपने भीतर के आत्म और जिस दुनिया में हम रहते हैं, उसकी बेहतर समझ के लिए प्रयास कर रहे हैं।
 

आईएएनएस
संयुक्त राष्ट्र


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