आर जी कर अस्पताल के डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से भेंट की, गड़बड़ियों का आरोप लगाया

Last Updated 17 Aug 2024 09:21:57 AM IST

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस द्वारा कोलकाता में आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का दौरा करने के एक दिन बाद शुक्रवार को 30-35 आंदोलनकारी डॉक्टरों के एक समूह ने राजभवन में उनसे मुलाकात की और अपनी सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।


पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस

इस अस्पताल में हाल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की कथित रूप से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी और वहां तोड़फोड़ भी की गयी।

इस बीच, ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए)’ ने रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और आवास की स्थिति में व्यापक बदलाव तथा कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने समेत पांच मांगें सामने रखी हैं।

कोलकाता में डॉक्टरों के एक समूह ने बोस को अस्पताल में कथित तौर पर चल रही ‘कई गड़बड़ियों’ के बारे में बताया।

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘डॉक्टरों ने अस्पताल में अपनी असुरक्षा का जिक्र किया। उन्होंने राज्यपाल को अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था के बारे में भी बताया। डॉक्टरों ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे और अस्पताल में उनकी सुरक्षा का प्रबंध करे, क्योंकि बुधवार रात की बर्बरता के बाद वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।’’

अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल बोस ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय के ध्यान में लाएंगे।

आईएमए ने कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में 17 अगस्त को सुबह छह बजे से 24 घंटे के लिए देश भर में गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं बंद रखने की घोषणा की है।

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के संकाय संघ (एफएआईएमएस) ने घोषणा की है कि कोलकाता की घटना के विरोध में शनिवार को नियमित ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर सेवाएं स्थगित रहेंगी।

केंद्र सरकार के अस्पतालों सफदरजंग और आरएमएल के डॉक्टर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए काली पट्टी बांधकर मौन विरोध मार्च निकालेंगे।

भुवनेश्वर से प्राप्त समाचार के अनुसार ओडिशा में शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं, क्योंकि विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के जूनियर और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए।

वे कोलकाता की घटना के सिलसिले में न्याय की मांग कर रहे हैं।

भाषा
कोलकाता/नयी दिल्ली


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