भूस्खलन प्रभावित वायनाड में सुनी गई रहस्यमयी आवाज से स्थानीय लोगों और अधिकारियों में मचा हड़कंप
केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को मपाडी के पास अलग-अलग पहाड़ी इलाकों में हुई भूस्खलन की घटना ने भारी तबाही मचाई, बचाव अभियान अभी भी जारी है और 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
भूस्खलन प्रभावित वायनाड |
पिछले महीने केरल के वायनाड जिले में हुए भयानक भूस्खलन से लोग बच नहीं पाए हैं। मरने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और अब 150 से ज्यादा लापता लोगों की तलाश की जा रही है। इसी बीच आज स्थानीय लोगों की धड़कनें काफी बढ़ गईं जब उन्हें एक अजीब और रहस्यमयी आवाज सुनाई दी।
दरअसल, शुक्रवार (9 अगस्त) की सुबह जमीन के अंदर से तेज आवाज और गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दी, जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ अधिकारी भी हैरान रह गए। यह आवाज क्यों निकली और कहां से आई, इस संबंध में फिलहाल कुछ पता नहीं चल पाया है। इस रहस्यमयी आवाज के बाद स्थानीय लोगों के साथ-साथ अधिकारी भी दहशत में नजर आ रहे हैं।
वायनाड जिले के अधिकारियों का कहना है कि अंबलावेल गांव और वैरीथरी तालुक के कुछ इलाकों में तेज आवाजें और गूंज महसूस की गई हैं। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने इस संबंध में कहा कि वे जांच कर रहे हैं कि क्या भूकंप के झटके आए थे। वहीं, अधिकारी उस इलाके पर भी नजर रख रहे हैं जहां से रहस्यमयी आवाज सुनी गई थी। वे देखते हैं कि इस क्षेत्र में कुछ भी गलत नहीं हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल किसी भूकंपीय गतिविधि का कोई संकेत नहीं है।
एक पंचायत वार्ड सदस्य ने एक टीवी चैनल को बताया कि सुबह करीब 10.15 बजे आवाज सुनी गई। इस रहस्यमयी आवाज ने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी है। यह आवाज सुनने के बाद प्रभावित इलाके के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। वायनाड जिले के अधिकारियों का कहना है कि इलाके के स्थानीय लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। वायनाड के जिलाधिकारी डीआर मेघ श्री ने कहा कि जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए कदम उठाए हैं।
बता दें कि 30 जुलाई को वायनाड जिले के मपाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में हुई भूस्खलन की घटना ने भारी तबाही मचाई थी। बचाव अभियान अभी भी जारी है और 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें से कई का अभी भी इलाज चल रहा है। चोरलमाला और मंदाकाई के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में सेना की ओर से अभी भी बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
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