दोनों टीके अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा पर प्रभावी
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी हैं, जबकि डेल्टा प्लस स्वरूप के संबंध में परीक्षण अभी जारी है।
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव |
कोरोना वायरस के चार स्वरूप -अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा- चिंता वाले स्वरूप हैं, जबकि डेल्टा से जुड़ा डेल्टा प्लस भी चिंता वाला स्वरूप है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न स्वरूपों को समाप्त करने की टीके की क्षमताओं में कमी, जो वैिक साहित्य पर आधारित है, यह दिखाती है कि कोवैक्सीन अल्फा स्वरूप के साथ बिल्कुल भी नहीं बदलता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविशील्ड अल्फा के साथ 2.5 गुना घट जाता है। डेल्टा स्वरूप को लेकर कोवैक्सीन प्रभावी है लेकिन एंटीबॉडी प्रतिक्रिया तीन गुना तक कम हो जाती है, जबकि कोविशील्ड के लिए यह कमी दो गुना है। फाइजर और मॉडर्ना में यह कमी सात गुना है।’’
भार्गव ने कहा, ‘हालांकि, कोविशील्ड और कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के स्वरूपों -अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा- के खिलाफ प्रभावी हैं - जो इन दोनों टीकों के संबंध में सर्वविदित है। उन्होंने डेल्टा प्लस स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि यह अब 12 देशों में मौजूद है।
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