शिवसेना ने कहा, देशद्रोही है फारूक अब्दुल्ला, गिरफ्तार करो
शिवसेना के मुखपत्र सामना में केंद्रीय गैर परंपरागत ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा गया है.
केंद्रीय गैर परंपरागत ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला (file photo) |
सामना में फारूक के उस बयान का विरोध किया गया है जिसमें फारूक ने कश्मीर पर अलगाववादी बयान दिया था.
सामना में लिखा गया है कि ये फारूक ने भारत के 125 करोड़ देशवासियों के दिल को चोट पहुंचाई है क्योंकि ये देश को तोड़ने वाला बयान है.
शिवसेना ने मांग की है कि फारूक के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए. आपको बता दें बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर तीखा पलटवार करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने जगमोहन के समय कश्मीर छोड़ा था.
कश्मीरी पंडितों ने जगमोहन के समय कश्मीर छोड़ा था
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने नेशनल कांफ्रेंस के शासनकाल में नहीं बल्कि जगमोहन के समय कश्मीर छोड़ा था जिन्हें बीजेपी समर्थित तत्कालीन केंद्र सरकार ने राज्य में राज्यपाल नियुक्त किया था.
उमर ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के कश्मीर छोड़कर जाने के मुद्दे पर मोदी का बयान कश्मीरी अवाम की तौहीन है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कश्मीरी पंडितों ने घाटी छोड़ी उस वक्त जगमोहन राज्यपाल के तौर पर राज्य का शासन संभाल रहे थे और फारूक साहब सत्ता में नहीं थे. जहां तक मुझे पता है जगमोहन ने अब भी बीजेपी से अपना नाता नहीं तोड़ा है.
उमर ने कहा कि जगमोहन को वीपी सिंह कैबिनेट में गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद (जो अभी पीडीपी संरक्षक हैं) ने राज्यपाल नियुक्त किया था. वीपी सिंह बीजेपी के समर्थन से सरकार चला रहे थे...मैं उम्मीद करता हूं कि बीजेपी के नेताओं को यह बात याद होगी.
मोदी समर्थकों को समंदर में डूब मरना चाहिए
फारूक अब्दुल्ला के बयान पर पलटवार करते हुए सोमवार को मोदी ने कहा था कि शेख अब्दुल्ला, फारूक और उनके बेटे उमर की नीतियां राज्य की राजनीति के सांप्रदायिकरण और धर्म के आधार पर कश्मीरी पंडितों को बाहर निकालने की घटना के लिए जिम्मेदार हैं. फारूक ने रविवार को बयान दिया था कि मोदी समर्थकों को समंदर में डूब मरना चाहिए.
उमर ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को निकाले जाने की घटना पर ज्यादातर कश्मीरी मुसलमान दुखी हैं और वे उन्हें वापस बुलाना चाहते हैं. मोदी ने इस बयान से कश्मीरी अवाम की तौहीन की है.
गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को एक जनसभा में कहा था कि हिंदुस्तान गिरीराज या तोगड़िया या मोदी का नहीं है, यह हिंदुस्तानियों का है और हिंदुस्तान के लोग ही तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है?
अब्दुल्ला का यह बयान भाजपा नेता गिरिराज सिंह के उस बयान के बाद आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी को वोट न देने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए.
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