झारखंड में बढ़ रहा ओमिक्रॉन सब वेरिएंट सेंटोरस के मामले, चौथी लहर का बढ़ा खतरा
झारखंड में ओमिक्रॉन के नये सब वैरिएंट सेंटोरस के कारण कोविड संक्रमण की रफ्तार में इजाफा हुआ है।
ओमिक्रॉन वेरिएंट |
यह निष्कर्ष राज्य के विभिन्न जिलों से संग्रह किये गये सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग से सामने आया है। पाया गया है कि राज्य में कोविड संक्रमण के कुल मामलों में 63.23 फीसदी केस के लिए यही वेरिएंट जिम्मेदार है। सनद रहे कि इसी वेरिएंट की वजह से देश में कोविड की चौथी लहर की आशंकाएं जतायी गई हैं।
झारखंड में भी इस सब-वेरिएंट के चलते संक्रमण के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ाने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। बताया गया है कि जिन लोगों ने पहले टीके के डोज लिये हैं, उन्हें भी यह नया सब-वेरिएंट संक्रमित कर सकता है। ऐसे में लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है।
सीसीएल के गांधीनगर, रांची स्थित अस्पताल के डॉ जितेंद्र कुमार के मुताबिक, सेंटोरस असल में ओमिक्रॉन का ही एक सब वेरिएंट है। हालांकि इसके अब तक अत्यंत घातक होने के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन यह तेज संक्रमण के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में लोगों को बेहद अलर्ट रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों के देश मे कोविड की चौथी लहर की जो आशंका जतायी है, उसके पीछे सबसे प्रमुख कारक इसी सब-वेरिएंट को माना जा रहा है।
राज्य में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या की बात करें तो पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा दो दर्जन लोग पूर्वी सिंहभूम में संक्रमित पाये गये। राज्य के 24 में से 8 जिलों में एक भी केस नहीं मिला है। इस्ट सिंहभूम टॉप में सबसे ज्यादा 137 मरीजों का इलाज जारी है। रामगढ़ में 64 और रांची में 63 लोग संक्रमित हैं। इसी तरह बोकारो में 32 और देवघर में 25 मरीज हैं।
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