बिहार : किसानों के 'राजभवन मार्च' के दौरान झड़प, पुलिस ने किया बल प्रयोग

Last Updated 29 Dec 2020 01:57:24 PM IST

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को पटना में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसानों ने 'राजभवन मार्च' निकाला।


इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस में झड़प हो गई और पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले कई संगठनों के नेता और कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग झंडा, बैनर, पोस्टर हाथ में लिए हुए थे और केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगा रहे थे।

गांधी मैदान से निकाले गए इस मार्च को पुलिस प्रशासन ने कई स्थानों पर रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं रुके और डाक बंगला चौराहा तक पहुंच गए। यहां पुलिस बैरिकेडिंग कर पहले से ही तैनात थी। यहां भी प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस के रोकने के बाद प्रदर्शनकारी वहीं बैठ गए, जिससे आवागमन बाधित हो गया। बाद में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने जमकर लाठियां भांजीं।

इस मार्च में वामदलों के नेता और कार्यकर्ता भी शामिल हुए।

अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार प्रदेश सचिव रामाधार सिंह ने कहा कि सरकार विरोध प्रदर्शनों को खत्म करना चाहती है। राजभवन मार्च नहीं करने देना किसानों पर अन्याय है। उन्होंने कहा, "हमलोग राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देना चाहते हैं।"

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बिहार, झारखंड के प्रभारी व अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने लाठी चार्ज की निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि नीतीश कुमार किसान आंदोलनों के दमन से बाज आएं।

उन्होंने दावा किया कि बिहार के दूर-दराज के इलाकों से हजारों की संख्या में आए किसान अपनी जायज मांगों को लेकर बिहार के राज्यपाल को अपना ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने संवेदनशील रवैया अपनाने की बजाय दमन का रास्ता अपनाया।

उन्होंने कहा, "किसानों का आंदोलन अब बिहार में भी उठ खड़ा हुआ है, उसे दबाना किसी भी सरकार के बूते की बात नहीं है। किसानों का यह आंदोलन सरकार को पीछे हटने के लिए मजबूर कर देगा।"

इस मार्च का नेतृत्व राजाराम सिंह के अलावा अशोक प्रसाद, ललन चौधरी, रामाधार सिंह, राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव ने किया। मार्च के दौरान 'तीनों काले कृषि कानून रद्द करो', 'बिजली संशोधन बिल 2020 वापस लो', 'न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान सहित सभी फसलों की खरीद की गारंटी करो', 'बिहार में मंडी व्यवस्था बहाल करो' आदि नारे लगा रहे थे।
 

आईएएनएस
पटना


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