अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में बोले PM मोदी, भारत के प्रति दुनिया का भरोसा बढ़ रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 23 सितंबर, 2023 , शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में 'अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023' का उद्घाटन किया। देश में पहली बार आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में उभरते कानूनी रुझान, सीमा पार मुकदमों की चुनौतियां, कानूनी तकनीक, पर्यावरण कानून आदि विषयों पर चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के संबोधन मे कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की भारत की भावना का प्रतीक बन गई है। किसी भी देश के निर्माण में वहां की कानूनी बिरादरी की बहुत बड़ी भूमिका होती है। भारत में वर्षों से न्यायतंत्र भारत की न्याय व्यवस्था के संरक्षक रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा,'आज यह सम्मेलन एक ऐसे समय में हो रहा है जब भारत कई ऐतिहासिक निर्णयों का साक्षी बना है। एक दिन पहले ही भारत की संसद ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का कानून पास किया है।'
उन्होंने कहा कि कानूनी पेशेवरों के अनुभव ने आजाद भारत की नींव को मजबूत करने का काम किया है। आज भारत के प्रति विश्व का जो भरोसा बढ़ रहा है, उसमें भी भारत की न्याय व्यवस्था की बड़ी भूमिका है।
मोदी ने आगे कहा कि कुछ ही दिन पहले G20 के ऐतिहासिक आयोजन में दुनिया ने हमारी प्रजातंत्र, जनसांख्यिकी और हमारी कूटनीति की झलक भी देखी। एक महीने पहले आज ही के दिन भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना था।
पीएम मोदी ने कहा,'साइबर आतंकवाद हो, मनी लॉन्ड्रिंग हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, विभिन्न मुद्दों पर सहयोग के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क तैयार करना सिर्फ किसी शासन या सरकार से जुड़ा मामला नहीं है। इसके लिए अलग-अलग देशों के कानूनी ढांचा को भी एक दूसरे से जुड़ना होगा।'
23-24 सितंबर, 2023 को इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न कानूनी विषयों पर सार्थक संवाद और चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करना है।
बता दें कि इस अवसर पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विचार किया जाएगा तथा विचारों व अनुभवों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा कानूनी विषयों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समझ को मजबूत किया जाएगा। देश में पहली बार आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में उभरते कानूनी रुझान, सीमा पार मुकदमों की चुनौतियां, कानूनी तकनीक, पर्यावरण कानून आदि विषयों पर चर्चा होगी।
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