बलरामपुर में PM मोदी ने किया जनरल रावत को याद, कहा- भारत दुख में, लेकिन हर चुनौती का करेंगे सामना

Last Updated 11 Dec 2021 03:43:21 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत दुख में हैं लेकिन दर्द सहते हुए भी ‘हम ना अपनी गति रोकते हैं और न प्रगति’।


बलरामपुर में मोदी ने जनरल रावत को किया याद

बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना राष्ट्र को समर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत की मौत देश के लिए एक क्षति है। उन्होंने हेलिकॉप्टर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल देवरिया में जन्मे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना भी की।

उन्होंने कहा कि भारत के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत का जाना हर भारत प्रेमी के लिये, हर राष्ट्रभक्त के लिये बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा, “जनरल रावत कितने जाबांज थे, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये कितनी मेहनत कर रहे थे, पूरा देश उसका साक्षी रहा है।”

मोदी ने कहा कि देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के अभियान और तीनों सेनाओं में तालमेल सुदृढ़ करने का अभियान, तेजी से आगे बढ़ता रहेगा। जनरल बिपिन रावत, आने वाले दिनों में, अपने भारत को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ते हुए देखेंगे। साथ ही कहा ‘भारत रुकेगा नहीं, भारत थमेगा नहीं।’

उन्होंने कहा कि उप्र के सपूत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जी का जीवन बचाने के लिये डॉक्टर जी जान से लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “मैं मां पाटेश्वरी से उनके जीवन की रक्षा के लिये प्रार्थना करता हूं । देश आज वरुण सिंह के परिवार के साथ है, जिन वीरों को हमने खोया उनके परिवारों के साथ है।” समाजवादी पार्टी का नाम लिये बिना पार्टी पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि कुछ की प्राथमिकता उद्घाटन का फीता काटने की थी, जबकि "हमारी प्राथमिकता परियोजनाओं को समय पर पूरा करना है।"

मोदी का तंज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के उस ट्वीट के जवाब में आया है जिसमें आज सुबह उन्होंने कहा था कि ''सपा के समय तीन चौथाई बन चुकी ‘सरयू राष्ट्रीय परियोजना’ के शेष बचे काम को पूर्ण करने में उप्र भाजपा सरकार ने पांच साल लगा दिए। 2022 में फिर सपा का नया युग आएगा… विकास की नहरों से प्रदेश लहलहाएगा!''

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की ढिलाई के कारण देश को 100 गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने कहा, ''जब इस परियोजना का काम शुरू हुआ था तो इसकी लगात 100 करोड़ रुपये से भी कम थी। आज यह लगभग 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद पूरी हुई। पहले की सरकारों की लापरवाही की 100 गुना कीमत देश को चुकानी पड़ी है।

भाषा
बलरामपुर (उप्र)


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