Dussehra 2024 : छपरा में दशहरे के अवसर पर 'जुरासिक पार्क' की थीम पर बनाया जा रहा है पंडाल

Last Updated 06 Oct 2024 10:19:22 AM IST

दशहरा का त्योहार भारत में हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज में एक खास प्रकार की जीवंतता और उल्लास भी लाता है। खासकर पूजा पंडालों की रौनक और उनकी भव्यता लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है।


छपरा के फुटानी बाजार में दशहरे के अवसर पर भव्य पंडाल बनाए जाते हैं। हर साल यहां के लोग ऐसा पंडाल बनाते हैं जो न केवल सुंदर हो, बल्कि चर्चित भी हो। इस बार गम्हरिया कला का पंडाल खास चर्चा में है। यह पंडाल हर वर्ष किसी न किसी नए सामाजिक संदेश के साथ आता है, और इस बार इसकी थीम है 'जुरासिक पार्क'।

गम्हरिया कला के इस पंडाल को इस बार जुरासिक पार्क का रूप दिया गया है, जो दर्शकों के लिए एक अनोखा और अद्भुत अनुभव लेकर आया है। पंडाल को बनाने में पूरे चार महीने लगे और इस पर लगभग 50 लाख रुपये का खर्च आया। इसमें 9 प्रकार के डायनासोर के मॉडल्स बनाए गए हैं, जो आज से करोड़ों वर्ष पहले धरती से विलुप्त हो चुके थे। लेकिन आज की पीढ़ी, खासकर बच्चों को, उन डायनासोरों के बारे में जानने और देखने का अवसर दिया जा रहा है।

पंडाल के निर्माणकर्ता, ओमप्रकाश वर्षों से इस कला में माहिर हैं। वह बताते हैं कि पंडाल का निर्माण दशहरे के तीन महीने पहले ही शुरू हो जाता है। इस साल उन्होंने जुरासिक पार्क की थीम को इसलिए चुना ताकि आज की युवा पीढ़ी प्रकृति और इतिहास के बारे में जान सके। उन्होंने कहा कि ये विशालकाय डायनासोर मॉडल्स विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाए गए हैं, ताकि वे इसे देखकर इतिहास और विज्ञान के प्रति रुचि दिखाएं।

शारदीय नवरात्र के दौरान सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिनों में लाखों श्रद्धालु यहां पंडाल को देखने आते हैं। यह समाज को एकजुट करने और सांस्कृतिक धरोहरों को जीवित रखने का माध्यम भी है। जुरासिक पार्क की थीम न केवल दर्शकों को रोमांचित करने जा रही है, बल्कि पर्यावरण और इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी काम करेगी। यह एक ऐसा प्रयास है, जो शिक्षा और मनोरंजन को एक साथ लेकर आता है।
 

आईएएनएस
छपरा


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