कारोबार बन गया है चिकित्सा पेशा और शिक्षा : सुप्रीम कोर्ट
केंद्र को नीट सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 के पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों को वापस लेने पर विचार करने का एक मौका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि चिकित्सा पेशा और शिक्षा कारोबार बन गया है और अब चिकित्सा शिक्षा का नियमन इस स्तर पर पहुंच गया है कि देश के लिए त्रासदी बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट |
जुलाई में परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी किए जाने के बाद आखिरी क्षण में बदलाव किए जाने पर केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) तथा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के स्पष्टीकरण से शीर्ष अदालत संतुष्ट नहीं थी।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने करीब दो घंटे की सुनवाई में केंद्र, एनबीई तथा एनएमसी को बुधवार सुबह तक समाधान निकालने का समय दिया और कहा कि युवा चिकित्सकों के प्रति किसी तरह के पूर्वाग्रह से बचने के लिए वह मामले में सुनवाई जारी रखेगी।
पीठ ने कहा, अभी मामले में आंशिक सुनवाई हुई है और आप अपनी व्यवस्था अब भी दुरुस्त कर सकते हैं और हम आपको कल तक का समय देंगे। हम आंशिक रूप से सुनवाई वाले मामले को स्थगित नहीं करेंगे, क्योंकि यह छात्रों के साथ पूर्वाग्रह ही होगा लेकिन हमें उम्मीद है कि बेहतर होगा।
शीर्ष अदालत 41 पीजी डॉक्टरों और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 13 और 14 नवम्बर को परीक्षा के आयोजन के लिए 23 जुलाई को अधिसूचना जारी होने के बाद अंतिम समय में पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों को चुनौती दी है।
केंद्र की तरफ से अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल ऐर्या भाटी ने कहा कि अदालत को यह नहीं लगना चाहिए कि पाठ्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव निजी कॉलेजों में खाली सीटों को भरने के लिए किया गया था और वे अदालत को इस धारणा को खारिज करने के लिए मनाने का प्रयास करेंगे।
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