अगर देश के ‘मन की बात’ समझी गई होती तो टीकाकरण के ऐसे हालात न होते : राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए रविवार को कोविड-19 टीकाकरण की गति पर सवाल किया और कहा कि अगर देश के ‘मन की बात’ समझी गई होती तो टीकाकरण के ऐसे हालात न होते।
राहुल गांधी ने कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार पर सवाल उठाया |
उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से ठीक पहले आई।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अगर समझते देश के मन की बात, ऐसे न होते टीकाकरण के हालात।’’
उन्होंने टीकाकरण की गति पर सरकार से सवाल पूछने के लिए ‘व्हेयर आर वैक्सीन’ हैशटैग का इस्तेमाल किया।
गांधी ने कथित धीमी टीकाकरण दर और मीडिया खबरों का उल्लेख करते हुए एक वीडियो भी साझा किया।
वीडियो में भारत के टीकाकरण संबंधी आंकड़ों पर प्रकाश डाला गया है जिसका उद्देश्य कोरोना वायरस की तीसरी लहर को रोकना और दिसंबर 2021 तक दोनों खुराक के साथ 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य है।
अगर समझते देश के मन की बात
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 25, 2021
ऐसे ना होते टीकाकरण के हालात।#WhereAreVaccines pic.twitter.com/aRXf3UhWWU
आंकड़ों में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि प्रति दिन 93 लाख लोगों का टीकाकरण किए जाने की जरूरत है और पिछले सात दिनों में वास्तविक दर (हर रोज औसत टीकाकरण) प्रति दिन 36 लाख है। इस तरह पिछले सात दिनों में हर दिन 56 लाख टीकों का अंतर है। इसमें कहा गया है कि 24 जुलाई को (पिछले 24 घंटे में टीकाकरण) वास्तविक टीकाकरण 23 लाख लोगों का हुआ यानी 69 लाख का अंतर रहा।
कांग्रेस धीमे टीकाकरण अभियान और टीका नीति को लेकर सरकार की आलोचना करती रही है।
| Tweet |