साल का आखिरी सूर्यग्रहण, पीएम मोदी ने भी देखा अद्भुत नजारा

Last Updated 26 Dec 2019 10:02:49 AM IST

इस साल के आखिरी सूर्य ग्रहण पर देश के अलग-अलग हिस्सों में अद्भुत नजारा दिखाई दिया।


भारत में सुबह 8 बजकर 4 मिनट से शुरू हुआ जो 10 बजकर 57 मिनट तक चला। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं था। इस सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया है।

इससे पहले इस साल छह जनवरी और दो जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अन्य भारतीयों की तरह वह भी ग्रहण को लेकर उत्सुक हैं।

उन्होंने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए ट्वीट किया, "बहुत से भारतीयों की तरह मैं भी सूर्य ग्रहण को लेकर उत्सुक था। दुर्भाग्य से बादलों की वजह से मैं सूर्य ग्रहण नहीं देख सका लेकिन कोझिकोड में सूर्य ग्रहण की झलकें देखीं। विशेषज्ञों के साथ बातचीत कर इस विषय पर मेरा काफी ज्ञानवर्धन हुआ।"

केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, गुजरात समेत देश के कई शहरों में सूर्यग्रहण देखा गया।

चेन्नई में सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा

 

केरल में हजारों लोगों ने देखा सूर्य ग्रहण

केरल में बच्चों और बुजुर्गों समेत हजारों लोगों ने साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देखा लेकिन कुछ हिस्सों में बादल छाए होने के कारण यह पूरी तरह दिख नहीं पाया।

यह दुर्लभ दृश्य सबसे पहले कासरगोड के चेरुवतूर में देखने को मिला और इसके बाद यह कोझिकोड और कन्नूर में भी दिखाई दिया।     

वयनाड में बादलों के कारण सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं दिया जिसके कारण लोगों को निराशा मिली।     

कलपेट्टा में एक लड़के ने कहा कि वह पूर्ण रूप से ग्रहण नहीं देख पाने से निराश है।     

उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत उम्मीदें लेकर यहां आए थे लेकिन हमें निराशा मिली।’’     

सबरीमला स्थित प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर, तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभस्वामी मंदिर और गुरुवयूर में भगवान कृष्ण मंदिर समेत विभिन्न मंदिर सूर्य ग्रहण के कारण बंद रहे और शुद्धिकरण की प्रक्रिया के बाद उन्हें खोला जाएगा।     

कासरगोड में एक निजी ऑपरेटर ने ग्रहण के दौरान एक विशेष मार्ग पर बस सेवा पूरी तरह रोक दी।     

ग्रहण के दौरान खाने-पीने से बचने संबंधी मिथक को तोड़ने के लिए कोझिकोड में मिठाई और नाश्ता वितरित किया गया।    

ऐसा बताया जा रहा है कि कोट्टायम, त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम जिलों में आंशिक ग्रहण देखा गया।

जबकि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में गुरुवार सुबह घने बादल छाए होने के कारणबहु-प्रीतीक्षित सूर्य ग्रहण देखने में लोगों को परेशानी हुई। यहां सुबह 8.4 बजे से शुरू हुए सूर्य ग्रहण की अवधि करीब तीन घंटे की थी।

अहमदाबाद में सूर्य ग्रहण का नजारा

 

तमिलनाडु में भी लोगों ने देखा अद्भुत नजारा

तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर सूर्य ग्रहण देखने को मिला और सैकड़ों लोगों ने यह नजारा देखा।     

धार्मिक मान्यता के कारण सूर्य ग्रहण के दौरान राज्य में कई मंदिर बंद रहे।     

चेन्नई, तिरुचिरापल्ली, उदगमंडलम और मदुरै समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण साफ दिखाई दिया। हालांकि कोयंबटूर और इरोड से मिली खबरों के अनुसार वहां बादल छाए होने के कारण ग्रहण अच्छी तरह दिखाई नहीं दिया।     

विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणों आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। इसके बावजूद प्रकृति के प्रति जिज्ञासु लोगों ने ग्रहण देखा।

वहीं दुनिया के भी कई हिस्सों में ये अद्भुत नजारा देखा जा रहा है। दुबई में कंप्लीट 'रिंग ऑफ फायर' देखने को मिला।

दुबई में दिखा कंप्लीट 'रिंग ऑफ फायर'

 

सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने से सूर्य का प्रकाश जब पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।

अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा। देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा।

समयलाइव डेस्क/भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली


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