इजरायली हवाई हमलों के कारण लेबनान में विस्थापित लोगों की कुल संख्या लगभग 12 लाख हो गई है। लेबनानी मंत्रिपरिषद की डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट यूनिट ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
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बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, विस्थापित लोग अन्य क्षेत्रों में अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। वे, मकान किराए पर ले रहे हैं या सार्वजनिक या निजी जगहों पर शरण ले रहे हैं। वहीं हजारों अन्य लोग सीरिया में प्रवेश कर गए हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक 23 सितंबर से 29 सितंबर तक 234,023 सीरियाई और 76,269 लेबनानी नागरिकों ने सीरियाई क्षेत्र में प्रवेश किया।
रिपोर्ट में कहा गया कि लेबनान में विस्थापित लोगों को रखने के लिए 867 केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 643 अपनी अधिकतम क्षमता तक पहुंच चुके हैं।
इजरायली हमलों के कारण दक्षिणी और पूर्वी लेबनान के साथ-साथ बेरूत के दक्षिणी उपनगरों के लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा।
इस बीच मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली ने चेतावनी दी कि इजरायल की एकतरफा कार्रवाई से मध्य पूर्व में व्यापक क्षेत्रीय युद्ध छिड़ सकता है। उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने के लिए तत्काल युद्ध विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और प्रभावशाली शक्तियों से हस्तक्षेप की मांग की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मदबौली ने जोर देकर कहा कि मिस्र लेबनान में इजरायल की बढ़ती आक्रामकता की निंदा करता है और लेबनान की संप्रभुता को कमजोर करने के किसी भी कोशिश को खारिज करता है।
23 सितंबर से, इजरायल ने लेबनान में हवाई हमले तेज कर दिए। उसका कहना है कि यह कार्रवाई लेबानानी संगठन हिजबुल्ला के खात्मे के लिए की जा रही है।
पिछले शुक्रवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगर में एक महत्वपूर्ण हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसके कई सहयोगी मारे गए। वहीं इस हफ्ते इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में जमीनी सैन्य अभियान भी शुरू कर दिया।
8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे। नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है।
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