कहीं बदरंग न हो जाए होली...

कहीं बदरंग न हो जाए होली...

रंग के कारोबारी रंजन कुमार के अनुसार कृत्रिम रंगों का प्रचलन कोई नया नहीं हैं. वह कहते हैं कि पहले बिहार में ऐसे रंग कम मिलते थे. होली के दिनों में बिकने वाले अधिकांश रंग ऐसे होते हैं जो कपड़ा और प्लास्टिक रंगने के काम आते हैं.

 
 
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