कहीं बदरंग न हो जाए होली...

कहीं बदरंग न हो जाए होली...

वह बताते हैं कि पुराने समय में बिहार और झारखंड के लोग केवल टेसू के रंग होली में इस्तेमाल करते थे. बिहार में नील की खेती सबसे अधिक होती थी, इसलिए यहां नीला रंग तैयार होता था. होली के मौके पर भी इन नीले रंगों का खूब इस्तेमाल किया जाता था.

 
 
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