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- ओबामा, अमिताभ ये सब खब्बू हैं...
वास्तव में, दाहिने हाथ का वर्चस्व रोजमर्रा के जीवन में ही नहीं है, हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक अवधारणाओं में भी है. इसी वजह से बाएं हाथ से अपनी दैनंदिन क्रियाकलापों को पूरा करने वाले इज्जत की निगाहों से नहीं देखे जाते. उन्हें या तो असभ्य या कुसंस्कारी समझा जाता है, जबकि वे ये दोनों ही नहीं होते. वास्तव में, उनके लेफ्ट हैंडर्स होने में उनकी इच्छा का नहीं, उनकी जैविक संरचना का हाथ होता है.
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