मैनेजमेंट कोर्स के अलग-अलग रंग

खत्म होने को कैट, जानिए मैनेजमेंट कोर्स के अलग-अलग रंग

मार्केटिंग मैनेजमेंट- सीधे मार्केट और बिजनेस से जुड़े होने के कारण आज सेल्स एंड मार्केटिंग से जुडे एर्क्‍सपट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है. इसमें दो साल, एक साल, दो माह से लेकर एक हफ्ते वाले भी होते हैं. जैसे, पीजी डिप्लोमा इन सेल्स, पीजी डिप्लोमा इन मार्केटिंग दो वर्षीय कोर्स हैं. तेजी से फैलते कारोबारी माहौल की वजह से सेल्समैन और मार्केटिंग मैनेजरों की मांग बढ़ रही है. आज हर निर्माता को अपना माल बेचने के लिए कुशल सेल्समैनों और मार्केटिंग मैनेजरों की जरूरत पड़ती है. यह काम जहां रोजगार के अवसर जुटा रहा है. अपने उत्पादों को बेचना और उनकी मार्केटिंग करना लगभग सभी कंपनियों का मुख्य कार्य होता है. इन कार्यों के लिए बड़ी और छटी कंपनियों को योग्य प्रोफेशनल्स की आवश्यकता पड़ती है, जो सेल्स, मार्केटिंग, प्रोडक्ट प्रमोशन, विज्ञापन और पब्लिक रिलेशंस इत्यादि का कार्य संभाल सकें. ये सारे काम सेल्स और मार्केटिंग मैनेजर्स द्वारा किए जाते हैं. उनका मुख्य काम मार्केटिंग स्ट्रेटजी जैसे मार्केट रिसर्च, सेल्ज, प्राइसिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और प्रमोशन, विज्ञापन और पब्लिक रिलेशंस की गतिविधियों पर नजर रखने का होता है. सेल्स और मार्केटिंग मैनेजर्स अपनी फर्म के लिए मार्केटिंग से संबंधित डिटेल तैयार करते हैं. इसके अलावा एक मार्केटिंग मैनेजर कंपनी द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का बाजार में विश्लेषण करता है. इसके साथ ही वह प्रतियोगिता वाले बाजारों जैसे बिजनेस, रिटेलर्स, होलसेलर्स की जानकारी भी रखता है. मार्केटिंग मैनेजर्स का मुख्य उद्देश्य फर्म के मार्केट शेयर और लाभांशों के लिए प्रभावशाली कीमतों की स्ट्रैटजी तैयार करना होता है, जिससे ग्राहक को इससे पूरी संतुष्टि प्राप्त हो सके.

 
 
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