5 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया

Last Updated 18 Sep 2023 05:29:42 PM IST

अगर मोची भी बनना है तो उस काम को भी गंभीरता से करो। फिर क्या था शबाना ने अपने सपनों को उड़ान देनी शुरु कर दी और आज भी उनका नाम कामयाब अदाकारओं में शुमार है


भारतीय सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक हैं शबाना आजमी जो अपनी अदाकारी और अलग अंदाज़ से बॉलीवुड में लंबे समय से राज करती आ रही हैं । आज हूी के दिन साल 1950 में हैदराबाद में जन्मीं शबाना आज़मी ने हर किरदार निभाए और सभी को अपने अनोखे अंदाज़ से पर्दे पर दर्शाया। commercial सिनेमा से लेकर art films तक उनके अभिनय की क्षमता देखी जा सकती है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में शबाना दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के साथ लिप-लॉक को लेकर काफी चर्चा में आईं। किरदार की चुनौतियों का सामना करना उनकी खासियत रही है। शबाना आजमी ने अब तक 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और कई बार उन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। शबाना को 5 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। दरअल उनकी शख्सियत को निखारने में उनके पिता और उर्दू के जाने माने शायर, lyricist और screenplay writer कैफी आज़मी और उनकी मां शौकत कैफी का बहुत बड़ा योगदान है। शबाना आज़मी ने जब अपने पिता से इच्छा ज़ाहिर की थी कि वो एक्ट्रेस बनना चाहती है तो पिता कैफी आज़मी ने उनसे कहा कि जो भी काम करो उसमें अपनी कड़ी मेहनत, लगन, पैशन और ईमानदारी से कोर करो। अगर मोची भी बनना है तो उस काम को भी गंभीरता के करो। फिर क्या था शबाना  ने अपने सपनों को उड़ान देनी शुरु कर दी और आज भी उनका नाम कामयाब अदाकारओं में शुमार है। घर का माहौल क्योंकि उर्दू वाला था इसलिए उनकी ज़बान पर पकड़ भी बेहद अच्छी है और यही वजह है कि उनकी Dialogue delivery में अलग ही खूबसूरती है। आइये जानते हैं वो फिल्मे जिसमें उनहोंने अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया।

अंकुर
1974 में रिलीज हुई फिल्म अंकुर का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था। यह फिल्म शबाना आजमी के करियर की पहली फिल्म थी। पहली ही फिल्म में शबाना की एक्टिंग का जादू ऐसा चला कि उन्हें साल 1975 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्म में शबाना ने एक दलित महिला लक्ष्मी का किरदार निभाया, जो अपने पति के साथ घरों में काम करती है।

अर्थ
3 दिसंबर 1982 को रिलीज हुई फिल्म अर्थ का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था। इसमें शबाना के साथ स्मिता पाटिल और कुलभूषण खरबंदा नजर आए थे। फिल्म एक निर्देशक के इर्द-गिर्द घूमती है जो एक अभिनेत्री के साथ विवाहेतर संबंध में शामिल हो जाता है। इस फिल्म में शबाना आजमी ने पूजा इंदर मल्होत्रा का किरदार बखूबी निभाया। इस फिल्म के लिए उन्हें साल 1983 में अपने करियर का दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।

खंडहर
शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह और पंकज कपूर जैसे कलाकारों से सजी यह फिल्म साल 1984 में रिलीज हुई थी। फिल्म खंडहर का निर्देशन मृणाल सेन ने किया है। यह एक रोमांटिक फिल्म है, जिसमें शहर के एक फोटोग्राफर और गांव की लड़की के बीच की प्रेम कहानी दिखाई गई है। इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय के लिए शबाना को एक बार फिर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

पार
साल 1985 में रिलीज हुई इस फिल्म में शबाना आजमी के साथ नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी मुख्य भूमिका में हैं। ग्रामीण बिहार पर आधारित फिल्म पार की कहानी गंभीर वास्तविकताओं को दिखाने के साथ-साथ गरीबी, शोषण जैसे मुद्दों पर भी प्रकाश डालती है। शबाना आज़मी ने नसीरुद्दीन शाह द्वारा अभिनीत मजदूर नौरंगिया की पत्नी रामा की भूमिका निभाई। फिल्म में जबरदस्त अभिनय के लिए शबाना को एक बार फिर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।

गॉडमदर
1999 में रिलीज हुई बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म गॉडमदर का निर्देशन विनय शुक्ला ने किया था। यह फिल्म 80 और 90 के दशक में गुजरात के पोरबंदर के एक गैंगस्टर संतोबेन जड़ेजा की कहानी से प्रेरित है। शबाना आजमी ने गॉडमदर के रूप में रंभी का किरदार बहुत शानदार ढंग से निभाया। इस किरदार के लिए शबाना को उनके करियर के पांचवें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया

शबाना आज़मी ने मशहूर शायर और lyricist जावेद अख्तर से शादी की और अपनी personal life और professional life को बेहतर तरीके से balance कर रही हैं ।

समय डिजि़टल
नई दिल्ली


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