भारत का राजकोषीय घाटा बढ़कर 11.91 लाख करोड़ रुपये हो गया

Last Updated 28 Feb 2023 07:09:13 PM IST

चालू वित्तवर्ष के पहले 10 महीनों में राजकोषीय घाटा बढ़कर 11.91 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कि 2022-23 के पूरे वर्ष के लक्ष्य का 67.8 प्रतिशत था। लेखा महानियंत्रक द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़े में यह जानकारी दी गई। पिछले वर्ष की इसी अवधि के लिए राजकोषीय घाटा पिछले वित्तवर्ष के लक्ष्य का 58.9 प्रतिशत था।


भारत का राजकोषीय घाटा

सरकार ने केंद्रीय बजट में 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 16.61 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 17.55 लाख करोड़ रुपये कर दिया था।

2022-23 की अप्रैल-जनवरी अवधि के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 19.76 लाख करोड़ रुपये थीं, जो कि 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान 24.32 लाख करोड़ रुपये का 81.3 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान, कुल प्राप्तियां बजट अनुमान का 88.5 प्रतिशत थीं।

जनवरी 2023 को समाप्त 10 महीने की अवधि के लिए शुद्ध कर राजस्व 16.89 लाख करोड़ रुपये था, जो पूरे वित्तवर्ष के लक्ष्य का 80.9 प्रतिशत है। एक साल पहले की अवधि के दौरान, शुद्ध कर राजस्व एकत्र किया गया था जो वार्षिक लक्ष्य का 87.7 प्रतिशत था।

2022-23 में जनवरी तक कुल खर्च 31.67 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2022-23 के लक्ष्य का 75.7 फीसदी है।

सरकार ने 2022-23 के अप्रैल और जनवरी के बीच विनिवेश के माध्यम से 31,123 करोड़ रुपये जुटाए, जो चालू वित्तवर्ष के संशोधित लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये का 62 प्रतिशत है।

अप्रैल-जनवरी की अवधि में केंद्र की बाजार उधारी बढ़कर 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो चालू वित्तवर्ष के लक्ष्य का 84 प्रतिशत है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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