मुद्दा : रिश्तों में बढ़ती दरार चिंताजनक

Last Updated 06 Feb 2025 12:51:18 PM IST

तेलंगाना में पूर्व सैनिक गुरुमूर्ति द्वारा अपनी पत्नी माधवी की हत्या और उसके शव के साथ की गई बर्बरता ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न केवल एक जघन्य अपराध की कहानी है, बल्कि समाज में व्याप्त हिंसा की प्रवृत्ति, रिश्तों में बढ़ती असंवेदनशीलता और मानसिक विकृति का भी प्रमाण है।


मुद्दा : रिश्तों में बढ़ती दरार चिंताजनक

इस वारदात ने श्रद्धा वालकर की हत्या की यादें ताजा कर दी हैं, जहां उसके कथित प्रेमी ने उसे मार कर शव के टुकड़े कर दिए थे। ऐसी घटनाएं समाज के भीतर गहरी पैठ बना चुकी क्रूरता और रिश्तों में बढ़ती दरारों को उजागर करती हैं। गुरु मूर्ति ने अपनी पत्नी को मारने के बाद उसके शव को टुकड़ों में काट कर कुकर में उबालने और फिर झील में फेंकने जैसा अमानवीय कृत्य किया। यह किसी साधारण अपराध की श्रेणी में नहीं आता। यह घटना हमारे समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और मानसिक अस्थिरता को दर्शाती है। रिश्तों में असहमति होना स्वाभाविक है, लेकिन जब यह असहमति हिंसा का रूप ले लेती है, तो यह समाज के लिए गंभीर चेतावनी बन जाती है। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर, ऐसा क्या हो गया है कि रिश्ते अब हिंसा और हत्या की ओर बढ़ रहे हैं।

पति-पत्नी के बीच संबंधों को निजी मामला माना जाता है, लेकिन क्या इन संबंधों में मानवता और संवेदनशीलता पूरी तरह खत्म हो चुकी है? गुरुमूर्ति और माधवी के बीच झगड़े पहले भी होते रहे होंगे, लेकिन इन झगड़ों ने हिंसा का ऐसा स्वरूप ले लिया जो किसी भी सभ्य समाज के लिए अस्वीकार्य है। जहां यह दंपति रहता था, वहां के पड़ोसियों को भी इस बात की भनक तक नहीं लगी। यह समाज में बढ़ती एकाकी प्रवृत्ति और पड़ोसियों के बीच संवादहीनता को उजागर करता है। क्या हम इतने आत्मकेंद्रित हो चुके हैं कि हमारे आसपास क्या हो रहा है, इसकी हमें कोई परवाह नहीं? यह घटना केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि समाज के लिए दर्पण भी है, जिसमें हमारी सामूहिक संवेदनहीनता साफ झलकती है।

रिश्तों में विश्वास की कमी और संवादहीनता ऐसी घटनाओं की मुख्य वजह बन रही हैं। घरेलू हिंसा के मामले दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं, लेकिन इन्हें रोकने के लिए केवल कड़े कानून पर्याप्त नहीं हैं। इन घटनाओं के पीछे छिपे मानसिक और सामाजिक कारणों को समझना और उनका समाधान खोजना भी जरूरी है। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने रिश्तों को सही तरीके से संभाल पा रहे हैं। अगर किसी रिश्ते में समस्या है, तो उसका समाधान संवाद और परामर्श के माध्यम से निकाला जा सकता है। लेकिन जब समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता है, तो वे हिंसा का रूप ले लेती हैं। हमें समझने की जरूरत है कि घरेलू हिंसा केवल व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज को प्रभावित करती है।

माधवी की हत्या का मामला यह भी दर्शाता है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक तनाव को लेकर जागरूकता की कमी है। हमें समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं किसी भी व्यक्ति को हिंसक बना सकती हैं। इस दिशा में सामूहिक प्रयास की जरूरत है, जिसमें परिवार, समाज और सरकार की भूमिका अहम है। गुरु मूर्ति द्वारा किए गए इस अपराध को केवल एक अपराधी की मानसिक विकृति मान कर खारिज नहीं किया जा सकता। यह घटना समाज में व्याप्त गहरी समस्याओं की ओर इशारा करती है। इसे एक उदाहरण बना कर सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए न केवल सख्त कानूनों की जरूरत है, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने की भी महती आवश्यकता है।

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। रिश्तों में बढ़ती हिंसा और असंवेदनशीलता को रोकने के लिए हमें अपने मूल्यों और व्यवहारों पर पुनर्विचार करना होगा। यह समाज के लिए चेतावनी है कि अगर हम अब भी नहीं जागे तो ऐसी घटनाएं आम हो जाएंगी। गुरुमूर्ति और माधवी का मामला केवल एक घटना मात्र नहीं है, बल्कि समाज के लिए आत्मचिंतन का विषय भी है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए व्यक्तिगत, सामाजिक और संस्थागत स्तर पर जोरदार प्रयास किए जाएं।

सोनम लववंशी


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