मुद्रा ऋण योजना से 5.5 करोड़ रोजगार सृजित
लघु व्यावसायिक इकाइयों एवं उद्यमियों के लिए शुरू की गयी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने देश के सामने खड़ी सबसे महत्वपूर्ण चुनौती का समाधान करते हुए केवल दो वर्षों में 5.5 करोड़ रोजगार का सृजन किया है.
![]() (फाइल फोटो) |
स्कॉच ग्रुप ने 'मुद्रा योजना: रोजगार सृजन पर एक क्रांतिकारी पहल' शीषर्क की सर्वे रिपोर्ट में यह दावा करते हुये कहा है कि इस योजना के माध्यम से कुल 54,479,763 रोजगारों का सृजन किया गया है. इनमें 37,753,217 प्रत्यक्ष रोजगार एवं 16,726,545 अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल हैं.
स्कॉच ग्रुप के अध्यक्ष समीर कोचर ने कहा कि मुद्रा योजना मोदी सरकार के लिए एक छुपा रूस्तम साबित हुई है. यह देश के सामने खड़ी सबसे महत्वपूर्ण समस्या रोजगार की कमी पर ध्यान देती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को इस योजना की शुरूआत की थी जिसका उद्देश्य वित्त सुविधा रहित लोगों को वित्त की सुविधा उपलब्ध करानी थी.
मुद्रा योजना की सफलता को रेखांकित करते हुए श्री कोचर ने कहा कि यह लघु उद्यमियों के सृजन पर केंद्रित है. इस योजना ने जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक उद्यमियों की एक प्रणाली सृजित की है. इसके अतिरिक्त, इसका रोजगार-सृजन पर विविध और बेहद प्रभावपूर्ण असर पड़ा है.
उन्होंने कहा कि अब तक आठ करोड़ से अधिक लोगों को 3.42 लाख करोड़ रूपये वितरित किए जा चुके हैं जिनमें ज्यादातर लघु उद्यमी हैं. इनमें से बड़ी संख्या उन लोगों की है जो इससे पहले किसी भी प्रकार के व्यवसाय से नहीं जुड़े थे. मुद्रा ऋण 10 लाख रुपये तक के गैर-कृषि कार्यकलापों के लिए उपलब्ध है. डेयरी, पॉल्ट्री, मधुमक्खी पालन आदि जैसे कृषि से संबंधित क्षेत्र भी इस योजना में शामिल हैं.
अपनी तरह की ऐसी पहली रिपोर्ट है जो मुद्रा योजना के रोजगार के साथ संपर्क को रेखांकित करती है. यह रिपोर्ट सूक्ष्म इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा लिमिटेड), बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों तथा योजना के लाभार्थियों से भी एका प्राथमिक आंकड़ों पर आधारित है.
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