मणिपुर : इस्तीफे की घुट्टी

Last Updated 11 Feb 2025 01:03:54 PM IST

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह से भेंट करने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सिंह 2017 में पहली दफा मणिपुर के मुख्यमंत्री बने थे।


मणिपुर : इस्तीफे की घुट्टी

उनके नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का राज्य में यह दूसरा कार्यकाल था, परंतु राज्य में हो रही हिंसा पर नियंत्रण रखने में नाकामयाब रहने के आरोप लग रहे थे। इसी दरम्यान सुप्रीम कोर्ट द्वारा जातीय हिंसा में सिंह की भूमिका को लेकर आरोप लगाने वाली लीक हुई ऑडियो क्लिप की प्रमाणिकता को लेकर सील बंद फोरेंसिक रिपोर्ट मांगने के बाद ताजा विवाद शुरू हो गया। इतना ही नहीं, विपक्षी दल कांग्रेस विधानसभा सत्र के दौरान सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को तैयार थी।

बीते दो वर्षो से राज्य में मैतई समुदाय व कुकी जनजातियों के बीच चल रहे खूनी संघर्ष से निपटने में सिंह असफल ही नहीं रहे। बल्कि उन पर मैतई विद्रोहियों के समर्थन का भी आरोप है। उनके दल के ही कुछ विधायकों के मुख्यमंत्री से खासा नाराज होने और विपक्ष के संपर्क में होने की चर्चा भी जोरों से है। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए भाजपा शीर्ष नेतृत्व को आनन-फानन यह निर्णय लेने को मजबूर होना पड़ा।

नाराज धड़ा यदि टूटकर विपक्ष के पाले में जा मिलता तो सरकार पर संकट आना लाजमी था। जो मोदी सरकार की फजीहत करने वाला साबित होता। इधर दिल्ली सरकार में पताका फहराने का जोश मन्दा भी नहीं पड़ा था कि हिंसा से झुलस रहे मणिपुर की सत्ता पर संकट गहराता भांपते ही स्थिर पर काबू करने के लिहाज से इस्तीफे की कड़वी दवा गले उतारी गई। मणिपुर के अकेले चर्चित फुटबॉल खिलाड़ी रहे बीरेन पत्रकारिता में भी हाथ अजमा चुके हैं।

खिलाड़ी और संपादक रहने के नाते उन्हें दांवपेंच का महारथी माना जाता रहा है। कुछ ही दिन पहले उनका कथित इस्तीफा भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसे फटा हुआ बताकर शरारत साबित करने की कोशिशें की गई थीं। सबसे लंबे समय तक वहां के मुख्यमंत्री रहे ओकराम इबोबी के सबसे करीबी रहने और उनसे राजनीतिक दांव-पेच सीखने वाले सिंह ने न सिर्फ उनसे बगावत की बल्कि पलटवार करते हुए सत्ता भी हासिल की।

आशंका की जा सकती है कि सिंह अपने तेवर फिर दिखाने से चूकेंगे नहीं और सियासी घमासान में पुराना पैंतरा आजमाने से हिचक नहीं सकते। राज्य में शांति बहाली की प्राथमिकता को स्वीकरते हुए केंद्र को भीतरघात के प्रति चौकन्ना रहने के प्रति खास तवज्जो देनी होगी।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment