प्रतिबद्धता का प्रतिफल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि घुसपैठ, आतंकवाद, नक्सलवाद (वामपंथी चरमवाद) और पूर्वोत्तर में उग्रवाद की घटनाओं में 65 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रतिबद्धता का प्रतिफल |
‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के बाद जनसमूह को संबोधित करते हुए शाह ने यह बात कही।
गौरतलब है कि आजादी के बाद से देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहूति देने वाले 36,250 पुलिसकर्मियों की याद में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनाया गया है, जहां हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर डय़ूटी करते हुए शहादत प्राप्त पुलिसकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं। बेशक, हाल के वर्षो में आतंकवादी घटनाओं, खासकर जम्मू कश्मीर में, खासी कमी आई है। पत्थर फेंकने वाले भ्रमित युवा अब दिखलाई नहीं पड़ते।
इसी प्रकार नक्सल प्रभावित इलाकों में भी नक्सली गतिविधियों पर खासी नकेल कसने में केंद्र सरकार और नक्सल प्रभावित राज्यों की सरकारें सफल हुई हैं। एटीएस, एनआईए और राज्यों के पुलिस तंत्र में विशेष प्रकोष्ठों के बीच बेतहर समन्वय से आतंकी, चरमपंथी और नक्सली घटनाओं को कम किया जा सका है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों के समक्ष अब बड़ी चुनौती इस रूप में उभरी है कि युवाओं को शिक्षा और रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर मुहैया कराए जाएं।
कहा जा सकता है कि समस्या के इस सामाजिक पक्ष की अनदेखी से सफलता पर ज्यादा खुश नहीं हुआ जा सकता। राष्ट्र विरोधी तत्व युवाओं में पनपे असंतोष और हताशा का बड़े शातिराना अंदाज में इस्तेमाल करते हुए उन्हें भ्रमित कर देते हैं। और भ्रमित युवा कब ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों के हाथों में खेलने लगते हैं, उन्हें खुद भी इल्म तक नहीं होता। इसलिए जरूरी है कि नक्सलवाद से प्रभावित रहे क्षेत्रों, पूर्वोत्तर इलाकों तथा जम्मू-कश्मीर जैसे उग्रवाद से पीड़ित रहे इलाकों में आवागमन की सुविधाएं बेहतर की जाएं।
कनेक्टिविटी बेहतर होने से इन इलाकों को दूर-दराज में अलग-थलग पड़े रह जाने का दंश नहीं सहना पड़ेगा। सरकार के लिए भी ऑपरेशन करने या क्षेत्रीय उत्थान के लिए किए जाने वाले कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन में आसानी होगी। बेशक, सरकार ने देश विरोधी किसी भी हरकत से सख्ती से निबटने की प्रतिबद्धता दिखाई है, लेकिन अब जरूरी है कि क्षेत्रीय असमानता, जो असंतोष की बड़ी वजह बनती है, की समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाए।
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